राज्य सभा चुनाव का मतदाज जारी है इस बीच माना जा रहा है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक कांधल जाडेजा ने आखिर अपनी मनमानी करते हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा के समर्थन में मत डाल दिया। गांधीनगर विधानसभा में मतदान के बाद वे गुजरात के खाध्य राज्यमंत्री धर्मेन्द्र सिंह जाडेजा के साथ कार में सवार होकर निकले, इसलिए भी कांधल की इस बात पर विश्वास करना मुश्किल है कि एनसीपी के व्हीप के मुताबिक ही उन्होंने मतदान किया है।
भाजपा ने राज्यसभा के चालू मतदान के दौरान पूर्व सांसद भरतसिंह परमार को भारतीय ट्राइबल पार्टी के प्रमुख एवं विधायक छोटूभाई वसावा के पास भेजकर अपनी रणनीति का आखिरी पत्ता चला है। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि बीटीपी खुलकर भाजपा के समर्थन में आ सकती है। परमार ने भी इस मुलाकात के बाद बीटीपी का समर्थनभाजपा के पक्ष में होने का दावा किया है।
गुजरात में राज्यसभा की चार सीट के लिए पांच उम्मीदवार मैदान में हैं, भाजपा ने अपना तीसरा उम्मीदवार मैदान में लाकर चुनाव को काफी रोमांचक बना दिया। शुक्रवार सुबह सबसे पहले राज्य के कृषि मंत्री आर सी फलदू ने पहला मत डाला। करीब दस बजे तक 30 विधायक मत का उपयोग कर चुके हैं। बीटीपी के भाजपा के समर्थन में चुनाव से दूर रहने की अटकलें हैं, ऐसा होता है तो अमीन आसानी से अपनी सीट निकाल लेंगे।
मातर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक केसरसिंह जेसंगभाई सोलंकी एक एम्बुलेंस में विधान सभा पहुंचे। उन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वे अपना वोट डालने के लिए सीधे अस्पताल से यहां पहुंचे हैं। गुजरात की चार राज्यसभा सीटों के लिए मतदान जारी है।
राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा ने पहले वडोदरा के संघ कार्यकर्ता अभय भारद्वाज व उत्तर गुजरात की रमीला बारा को मैदान में उतारा, उसके बाद तीसरे उम्मीदवार के रूप में पूर्व उपमुख्यमंत्री नरहरी अमीन को भी प्रत्याशी घोषित कर दिया। अमीन 2012 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। कांग्रेस, एनसीपी व बीटीपी सभी दलों में उनके समर्थक व करीबी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस अथवा भारतीय ट्राइबल पार्टी के कोई विधायक उनके समर्थन में आ सकते हैं। बीते तीन माह में कांग्रेस के आठ विधायक अपनी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं। इससे अमीन की राह काफी आसान हो गई। अब खबर है कि भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायक छोटूवसावा व उनका विधायक पुत्र महेश वसावा राज्यसभा चुनाव के मतदान से गैर हाजिर रह सकते हैं।
बता दें कि अगस्त 2017 के राज्यसभा चुनाव में बीटीपी के छोटू वसावा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के समर्थन में वोट दिया था, उसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने भरुच से लोकसभा सीट की मांग की थी लेकिन कांग्रेस ने ऐन वक्त पर उनका समर्थन नहीं किया व अपना उम्मीदवार मैदान में उतार दिया था। इससे नाराज बीटीपी के विधायक महेश वसावा इस चुनाव में कांग्रेस के साथ जाने के पक्ष में नहीं है।
अब देखना ये है कि आज मतदान को लेकर बीटीपी की क्या रणनीति रहती है। वैसे एनसीपी के विधायक कांधल जाडेजा भी पहले कह चुके हैं कि भाजपा के शासन में उनके विधानसभा क्षेत्र में काम होते हैं इसलिए वे भाजपा उम्मीदवार को ही मत देंगे। हालांकि पार्टी अध्यक्ष जयंत पटेल ने गत दिनों पार्टी व्हीप जारी कर कांग्रेस को मत देने का निर्देश जारी कर दिया लेकिन एनसीपी के एकमात्रविधायक कांधल इसका कितना पालन करते हैं ये आज के मतदान से ही साफ हो पाएगा।