रूस और यूक्रेन की लड़ाई को दो सप्ताह हो चुके हैं। इस लड़ाई में यूक्रेन में जबरदस्त तबाही हुई है। हर तरफ बर्बादी के निशान मौजूद हैं। जो जगह कभी लोगों और रोशनी से गुलजार हुआ करती थी वहां पर अब इमारतों का मलबा, लाशों के चिथड़े और खून के सूख चुके निशान मौजूद हैं। इस जंग ने एक बसे बसाए देश को बर्बाद कर दिया है। ये एक ऐसा जख्म है जिसको भरने में दशकों बीत जाएंगे। यूक्रेन अब तबाह होकर भी खुद को बचा ले, ये कहना भी काफी मुश्किल हो चुका है।

20 लाख से अधिक शरणार्थी
पड़ोसी देशों में यूक्रेन के शरणार्थियों की संख्या करीब 20 लाख तक पहुंच चुकी है। कभी के आबाद शहर अब पूरी तरह से वीरान हो चुके हैं। हजारों की तादाद में लोग ऐसे हैं जो लापता लोगों की श्रेणी में हैं। हजारों को सामूहिक कब्रों में बिना किसी अंतिम रस्म अदायगी पर दफनाया गया है। ये वो मंजर है जिसकी कल्पना करना भी कुछ समय पहले तक मुमकिन नहीं था, लेकिन अब ये एक मजबूरी बन चुका है।

रौंगटे खड़े कर देने वाला मंजर
यूक्रेन का मंजर रौंगटे खड़े कर देने वाला है। एक गलती की सजा लाखों लोग भुगतने को मजबूर हो रहे हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की लगातार अमेरिका और यूरोपीयन यूनियन के नेताओं से संपर्क बनाए हुए हैं और अपनी बात रख रहे हैं। अपने एक ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि उनकी अमेरिकी, ब्रिटेन और यूरोपीयन यूनियन के प्रमुख से बात हुई है। उन्होंने इन सभी को मौजूदा हालात से अवगत कराया है
खतरनाक मोड़ पर जंग
इस जंग में अब खतरनाक मोड़ आ चुका है। रूस ने हवाई हमलों से यूक्रेन की कमर तोड़ने का मन बना लिया है। रूस जिन जगहों पर हमले कर रहा है उनमें अस्पताल और रिहायशी इलाके शामिल हैं। बीते दो दिन जो बमबारी हुई है उसमें यूक्रेन मारियुपोल का बच्चों का अस्पताल तबाह हो चुका है।
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