पूरी दुनिया में अगर नजर घुमाई जाए तो भारत ही एक मात्र ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा मंदिर पाये जाते हैं और शायद इसीलिए भी भारत को मंदिरों का देश भी कहा जाता है। देश के सबसे अमीर मंदिरों में शामिल 10 प्रसिद्ध मंदिर देश के तमाम मंदिर हैं जो भक्तों की आस्था और खुले मन से किए गए दान के चलते अरबों.खरबों की संपत्ति जुटा चुके हैं देखिए देश के सबसे अमीर मंदिरों में शामिल 10 प्रसिद्ध मंदिर-
1. पद्मनाभ स्वामी मंदिर : शयन मुद्रा में विराजमान विष्णु भगवान की मूर्ति वाला पद्मनाभस्वामी मंदिर दुनिया का सबसे अमीर मंदिर बन गया है. केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम के श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर में कुल छह तहखाने हैं जिनमें से अब तक पांच को खोला गया है. और इन पांच तहखानों में से मिली राशि की कीमत 5 लाख करोड़ रुपये आंकी जा रही है. जी हां, पांच लाख करोड़ यानि एक स्विस बैंक की टक्कर का हमारे भारत में एक मंदिर है. यह देश के कई राज्यों के सालाना बजट से कहीं ज्यादा है. दिल्ली, झारखंड और उत्तराखंड के कुल वार्षिक बजट से भी यह राशि 23 हजार करोड़ रुपये ज्यादा है. देश की सबसे बड़ी मनरेगा परियोजना का बजट भी इससे आधा है.
2. तिरुपति बालाजी : श्री वेंकटेश्वर का यह पवित्र व प्राचीन मंदिर पर्वत की वेंकटाद्रि नामक सातवीं चोटी पर स्थित है, जो श्री स्वामी पुष्करणी नामक तालाब के किनारे स्थित है. इसी कारण यहाँ पर बालाजी को भगवान वेंकटेश्वर के नाम से जाना जाता है 650 करोड़ रुपये की वार्षिक आय के साथ तिरुपति बालाजी मंदिर भारत का दूसरा सबसे अमीर मंदिर है. अलग-अलग बैंकों में मंदिर का 3000 किलो सोना जमा है जबकि मंदिर के पास 1000 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट हैं.
3. शिरडी के साईं बाबा : “सबका मालिक एक है” के उद्घोषक शिरडी के साईं बाबा ने संपूर्ण जगत को सर्वशक्तिमान ईश्वर के स्वरूप का साक्षात्कार कराया. उन्होंने मानवता को सबसे बड़ा धर्म बताया और कई ऐसे चमत्कार किए जिनसे लोग उन्हें भगवान की उपाधि देने लगे. शिरडी स्थित साईं बाबा का मंदिर महाराष्ट्र के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है. इस प्रसिद्ध मंदिर के पास 32 करोड़ रुपये के अभूषण हैं और ट्रस्ट ने 450 करोड़ रुपये का निवेश कर रखा है. इस मंदिर की संपत्ति और आय दोनों ही अरबों में है. 6 लाख कीमत के चांदी के सिक्के हैं. साथ ही, हर साल लगभग 350 करोड़ का दान आता है.
4. वैष्णो देवी मंदिर : कटरा, जम्मू कश्मीर स्थित वैष्णो देवी मंदिर में तिरुपति बालाजी मंदिर के बाद देश में सबसे ज्यादा भक्त दर्शन के लिए जाते हैं. यह मंदिर सालाना आय में 4 नंबर पर है. यहां हर साल सैकड़ों किलो सोने-चांदी के आभूषण चढ़ाए जाते हैं. माता वैष्णो देवी मंदिर की सालाना आय 500 करोड़ रुपये है.
5. गुरुवयूर मंदिर : भगवान श्री कृष्ण का मंदिर गुरुवयूर केरल में स्थित है. यह श्री विष्णु का 5000 साल पुराना मंदिर है. अपने खजाने के कारण यह मंदिर भी भारत के 10 सबसे अमीर मंदिरों में से एक है. इस मंदिर में सालाना 200 करोड़ रुपयों का चढ़ावा आता है.
6. सिद्धिविनायक मंदिर : श्री गणेश भगवान का यह मंदिर मुंबई की पहचान से जुड़ा है. इसे सिलेब्रिटी मंदिर कहा जाता है क्योंकि बॉलिवुड का लगभग हर सिलेब्रिटी इस मंदिर में माथा टेकने आता है. मुंबई स्थित सिद्धिविनायक मंदिर, महाराष्ट्र में दूसरा सबसे अमीर मंदिर है. हर साल इस मंदिर में लगभग 50 करोड़ रुपये का चढ़ावा चढ़ता है. इसके 125 करोड़ रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा है.
7. सोमनाथ मंदिर : 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में सोमनाथ मंदिर की गिनती होती है. यह मंदिर गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल बंदरगाह पर स्थित है. इसका निर्माण राजा चंद्रदेव ने किया था. इसका सबसे प्राचीन वेद ऋग्वेद में उल्लेख मिलता है. सोमनाथ में हर साल करोड़ों को चढ़ावा आता है. इसलिए ये भारत के अमीर मंदिरों में से एक है.
8. श्री जगन्नाथ मंदिर : जगन्नाथ शब्द का अर्थ है जगत का स्वामी. इनकी नगरी ही जगन्नाथपुरी या पुरी कहलाती है. इस मंदिर को हिंदुओं के चार धाम में से एक गिना जाता है. पुरी जगन्नाथ मंदिर भारत के 10 अमीर मंदिरों में से एक है. इस मंदिर के लिए जो भी दान आता है. वह मंदिर की व्यवस्था और सामाजिक कामों में खर्च किया जाता है. इस मंदिर की संपत्ति 2500 करोड़ रुपयों से भी ज्यादा है.
9. काशी विश्वनाथ मंदिर : वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है. मंदिर का निर्माण महारानी अहिल्या बाई होल्कर द्वारा 1780 में करवाया गया था. बाद में महाराजा रंजीत सिंह द्वारा 1853 में 1000 किलोग्राम शुद्ध सोने द्वारा इसे मढ़वाया गया था. यह मंदिर आमिर मंदिरो में अपना एक विशेष स्थान रखता है.
10. मीनाक्षी अम्मन मंदिर : मीनाक्षी अम्मन मंदिर तमिलनाडु में मदुरै शहर में स्थित है. मीनाक्षी अम्मन मंदिर विश्व के नए सात अजूबों के लिए नामित किया गया है. यह मंदिर भगवान शिव व मीनाक्षी देवी पार्वती के रूप के लिए समर्पित है. यह मंदिर भी अमीर मंदिरों में से एक माना जाता है. इस मंदिर में हर साल लगभग 6 करोड़ नकदी और करोड़ों के जेवरात चढ़ाए जाते हैं.