मुंबई के कोरेगांव जातीय हिंसा को लेकर विवादों में आए दलित नेता जिग्नेश मेवाणी को बड़ी राहत मिली है। हिंसा भड़काने का आरोप झेल रहे मेवाणी और उमर खालिद को क्लीन चिट मिल गई है। सामाजिक न्याय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि गुजरात के विधायक मेवाणी और जेएनयू छात्र उमर खालिद की भीमा-कोरेगांव हिंसा में कोई भूमिका नहीं है।

हिंसा के मुंबई समेत गुजरात में फैल जाने के बाद जिग्नेश और खालिद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोप लगने पर जिग्नेश ने गुरुवार को कड़ी नाराजगी जताते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि उन्हें निशाना बनाए जाना भारतीय जनता पार्टी की बचकानी हरकत है।
दलित नेता मेवाणी ने कहा कि उनपर भड़काऊ भाषण देने का झूठा आरोप लगाया जा रहा है। जब मैं वहां गया ही नहीं तो उनका नाम शामिल किया जाना कहां तक सही है? जिग्नेश ने कहा कि गुजरात विधानसभा में 150 सीटें हासिल न कर पाने का बदला बीजेपी उनसे ले रही है। उन्होंने कहा कि 2019 को होनेे वाले लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी परेशान है और वे आम चुनाव में पीएम मोदी को कड़ी टक्कर देंगे।
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