बुधवार को केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक हुई, इस बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने भारतीय खाद्य निगम (FCI) की अधिकृत पूंजी को मौजूदा 3500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10000 करोड़ रुपये करने की मंजूरी दी है। अधिकृत पूंजी में बढ़ोतरी के साथ अतिरिक्त इक्विटी पूंजी को एफसीआई में केंद्रीय बजट के जरिये उपयोग किया जा सकता है। इससे एफसीआई की उधारी में कमी के साथ एफसीआई की ब्याज लागत में कमी और खाद्य सब्सिडी में कम होगी।
बैठक में 15वें वित्त आयोग का कार्यकाल 12 महीने बढ़ाने पर फैसला लिया गया है। इस फैसले से वित्तीय घाटे का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा जूट इंडस्ट्री के लिए भी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने सभी अनाजों की 100 फीसद पैकेजिंग में जूट की बोरियों का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया है। केन्द्रीय कैबिनेट ने अपने बैठक में सिक्किम माइनिंग कॉर्पोरेशन के बकाया 4 करोड़ से अधिक के कर्ज़ और ब्याज के पुनर्भुगतान की छूट की मंजूरी दी है।
भारत सरकार की खाद्य नीति को लागू करने के लिए भारतीय खाद्य निगम अधिनियम, 1964 के तहत भारतीय खाद्य निगम का गठन किया गया था। इसको बनाने का उद्देश्य किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करना, खाद्यान्न का बफर स्टॉक बनाए रखना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत खाद्यान्नों का वितरण करना है।