केदारनाथ-बदरीनाथ सहित चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शनों को पहुंच रहे हैं। लेकिन सीमित ई-पास जारी होने के कारण तमाम श्रद्धालुओं को बैरंग लौटना पड़ रहा है। हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर एक निश्चित संख्या में ही श्रद्धालुओं को भेजने की मंजूरी दी है। हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में ही देवस्थानम बोर्ड के पोर्टल से ई-पास जारी हो रहे हैं। ऐसे में ज्यादा श्रद्धालुओं के आने पर सभी को ई-पास नहीं मिल पा रहे और उन्हें वापस लौटाया जा रहा है। इससे श्रद्धालुओं को निराश होना पड़ रहा है।
यहां पंजीकरण जरूरी है
चारधाम यात्रा को उत्तराखंड से बाहर के श्रृद्धालुओं को देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल http://smartcitydehradun.uk.gov.in में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। ई पास को देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट www.devasthanam.uk.gov.in या http:// badrinah- Kedarnath.uk.gov.in पर भी रजिस्ट्रेशन किया सकता है। प्रत्येक श्रद्धालु को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट अथवा वैक्सीन की डबल डोज लगी होने का सर्टिफिकेट जमा करना है। उत्तराखंड प्रदेश के लोगों को स्मार्ट सिटी पोर्टल में पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है।
चारों धामों में तय सीमा से अधिक श्रद्धालु पहुंच रहे
गंगोत्री और यमुनोत्री आने वाले तीर्थयात्रियों को यात्रा पड़ावों पर लगे बैरियर प्वांइट से पंजीकरण न होने का हवाला देकर लौटाया जा रहा है। गुजरात से पहुंचे आनंदी पटेल, नंदीबेन, सूरजभाई पटेल आदि का कहना है कि उन्होंने देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण को आवेदन किया, लेकिन स्लॉट फुल होने से उनका पंजीकरण नहीं हो पाया। वे बिना पंजीकरण के यात्रा पर आए हैं।
उन्हें बड़कोट रोक दिया गया। यहां ई-पास मांगा गया। ई-पास न होने से वे बिना दर्शन किए लौट रहे हैं। उधर, बदरीनाथ में ई-पास वाले तीर्थयात्रियों के न पहुंचने पर दूसरे यात्रियों के मैनुअल पास बनाए जा रहे हैं। इससे यहां कुछ राहत है। हालांकि मैनुअल पास की संख्या भी एक हजार तय है। केदारनाथ धाम में भी श्रद्धालुओं को ई-पास की दिक्कत हो रही है। यहां भी मैनुवल पास बन रहे हैं लेकिन यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने से परेशानी हो रही है।
यात्रा को लेकर राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही काम हो रहा है। किसी यात्री को अनावश्यक परेशान नहीं किया जा रहा है। यदि सरकार की तरफ से गाइडलाइन में कोई छूट दी जाती है तो उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे।