आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने अफगानिस्तान में वापसी करने वाले तालिबान की नाक में दम कर दिया है। जब से अफगान में तालिबानियों का राज हुआ है, तब से इस्लामिक स्टेट ने हमले तेज कर दिए हैं। मंगलवार को तालिबान राज में पाकिस्तान के इशारों पर नाचने वाले आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब काबुल हमले में उसका खास कमांडर मारा गया। अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि काबुल में इस्लामिक स्टेट द्वारा हुए हमले के जवाबी कार्रवाई के दौरान मारे गए तालिबान के सैन्य कमांडरों में हमदुल्ला मुखलिस भी शामिल था, जो हक्कानी नेटवर्क का काबुल कमांडर था।
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हक्कानी नेटवर्क का अहम सदस्य और बद्री कोर के विशेष बलों का सीनियर अधिकारी हमदुल्ला मुखलिस तालिबान की अफगान में वापसी के बाद से मरने वाला सबसे सीनियर और अहम शख्स है। तालिबान मीडिया अधिकारी ने कहा कि जब हमदुल्ला को सूचना मिली कि सरदार दाऊद खान अस्पताल पर हमला हो रहा है, तो काबुल कोर का कमांडर मौलवी हमदुल्ला (मोखलिस) तुरंत घटनास्थल पर पहुंचा और वहां इस्लामिक स्टेट के आतंकियों से लड़ाई में मारा गया।
तालिबानी अधिकारी ने बताया कि उसे रोकने की कोशिश की गई थी, मगर वह माना नहीं और मुस्कुराकर चल दिया। बताया जाता है कि काबुल पर कब्जे के बाद अशरफ गनी के कार्यालय में सबसे पहले घुसने वाला शख्स हमदुल्ला ही था। अशरफ गनी के दफ्तर में कुर्सी पर बैठे जिस तालिबानी की तस्वीर वायरल हुई थी, वह हक्कानी का कमांडर हमदुल्ला ही था। इसका मरना हक्कानी नेटवर्क के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। दरअसल, काबुल के मुख्य सैन्य अस्पताल पर हुए हमले में 19 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट-खुरासान (आईएस-के) ने ली है।
हक्कानी नेटवर्क और पाकिस्तान के बीच काफी करीबी संबंध रहे हैं। संबंध ऐसे कि पाकिस्तान अपनी नापाक साजिशों को अंजाम देने के लिए समय-समय पर इस नेटवर्क का सहारा लेता रहा है। इस ग्रुप की स्थापना जलालुद्दीन हक्कानी ने की थी। पाकिस्तान ने इस नेटवर्क की पैसे और हथियार के रूप में काफी मदद की है।
तालिबानी गृह मंत्रालय के प्रवक्ता कारी सैयद खोस्ती ने विस्फोट के कुछ ही मिनटों बाद इनकी पुष्टि की और बताया कि कई लोग हताहत हुए हैं। हालांकि, उन्होंने कोई और विवरण नहीं दिया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पतालों से हताहतों के आंकड़े मिलने के बाद नई संख्या जारी की है। पहले दिन में मीडिया ने खबर दी थी कि इन धमाकों में 15 लोगों की मौत हो गयी और 34 अन्य घायल हो गये। लेकिन समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि अब तक इस हमले में 16 लोगों की मौत हुई है और 50 से अधिक घायल हैं।
सरदार दाऊद खान अस्पताल को पहले भी निशाना बनाया जा चुका है। वर्ष 2017 में इसी तरह के हमले में 30 से अधिक लोग मारे गये थे और 50 अन्य घायल हो गये थे, जब बंदूकधारियों ने डॉक्टरों के वेश में अस्पताल पर हमला कर दिया था। उस हमले की जम्मेदारी भी इस्लामिक स्टेट समूह ने ली थी