राज्यसभा चुनाव 2010 से जुड़े हॉर्स ट्रेडिंग मामले में बरही के वर्तमान कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला की मुश्किलें बढ़ गई है। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने उक्त मामले में उनके खिलाफ आरोप तय कर दिया है। आरोप गठन के दौरान विधायक ने खुद को निर्दोष बताया।
इसी मामले के शेष दो आरोपी तत्कालीन विधायक राजेश रंजन और योगेंद्र साव के खिलाफ तीन नवंबर को आरोप गठन करने की तिथि तय की गई है। साथ ही दोनों को निर्धारित तारीख को व्यक्तिगत रूप से अदालत में मौजूद रहने को कहा गया है।
क्या है मामला
2010 में एक निजी टीवी चैनल ने राज्यसभा चुनाव के दौरान स्टिंग ऑपरेशन का प्रसारण किया गया था। जिसमें यह दिखाया गया था कि चुनाव में मत की कीमत के तौर पर झामुमो, कांग्रेस एवं भाजपा के विधायक ने 50 लाख से एक करोड़ रुपये की मांग की थी। मामले में निगरानी थाना में केस दर्ज की गई थी। इस केस को बाद में झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 2013 में टेकओवर किया। जांच के बाद पांच विधायकों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी।