देश में विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ रही बेरोजगारी को लेकर कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने रविवार को एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि हर साल 2 करोड़ रोज़गार देने का वादा था. लेकिन देश में जैसे जैसे बीजेपी का बैंक बैलेंस बढ़ता गया, वैसे वैसे रोजगार घटता गया.
सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘वादा था हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का, यानी 5 साल में 10,00,00,000 रोजगार. 5 सालों में देश के 7 प्रमुख सेक्टर में हुए 3,64,00,000 (3.64 करोड़) बेरोजगार! जैसे जैसे बीजेपी का बैंक बैलेंस बढ़ता है, देश में वैसे वैसे रोजगार घटता है! क्या यही थे मोदी जी के अच्छे दिन?
दरअसल विपक्षी पार्टियां रोजगार और निवेश को लेकर शुरू से मोदी सरकार पर हमलावर रही हैं. विपक्ष का कहना है कि सरकार इस पर गंभीरता से नहीं सोच रही. नौकरी देने का जो वादा किया गया, सरकार उससे चूक रही है.
वहीं मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की पुरजोर कोशिश कर रही है. इसके लिए बजट में बड़े कदम उठाने की तैयारी की जा रही है. क्योंकि देश में बेरोजगारी की स्थिति में कोई सुधार होता नहीं दिख रहा. सितंबर से दिसंबर 2019 के चार महीनों में बेरोजगारी की दर 7.5 फीसदी तक पहुंच गई है. यही नहीं, उच्च शिक्षित लोगों की बेरोजगारी दर बढ़कर 60 फीसदी तक पहुंच गई है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के द्वारा जारी आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है
रिपोर्ट में बताया गया है कि शहरों में खासकर उच्च शिक्षित युवाओं में बेरोजगारी की दर बहुत ज्यादा है. रिपोर्ट के अनुसार, ’20 से 24 साल के युवाओं में बेरोजगारी की दर 37 फीसदी है और इनमें से ग्रेजुएट्स में बेरोजगारी की दर 60 फीसदी तक पहुंच गई है. ग्रेजुएट्स में बेरोजगारी की औसत दर साल 2019 में 63.4 फीसदी तक पहुंच गई है.’
रोजगार के मोर्चे पर सुधार के लिए अब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोर्चा संभाले हुए हैं. इकोनॉमिक ग्रोथ को रफ्तार देने और रोजगार पैदा करने के मुद्दे पर जनवरी के पहले हफ्ते में पीएम मोदी ने दिग्गज कारोबारियों के साथ बैठक की थी. इस बैठक में देश के सबसे अमीर शख्स और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी, टाटा ग्रुप के रतन टाटा, एयरटेल के मालिक सुनील भारती मित्तल, अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी समेत कई बड़े उद्योगपित मौजूद थे.
बता दें, इसी महीने देश का मिजाज जानने के लिए आजतक-कार्वी इनसाइट्स ने एक सर्वे किया. सर्वे में लोगों के सामने सवाल था कि देश के सामने क्या है सबसे बड़ा मुद्दा? इस सवाल के जवाब में 32 फीसदी लोगों ने कहा कि मौजूदा दौर में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है.