पणजी। गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने शुक्रवार को खुलासा किया उन्होंने कश्मीर जैसे कुछ प्रमुख मुद्दों पर दबाव की वजह से रक्षा मंत्री का पद छोड़ने और इस तटीय राज्य में लौटने का विकल्प चुना। पिछले महीने चौथी बार गोवा के मुख्यमंत्री का पद संभालने वाले पर्रिकर ने कहा कि दिल्ली उनका कार्यक्षेत्र नहीं रहा था इसलिए वह वहां खुद को दबाव में महसूस करते थे।
डॉ. भीमराव अंबेडकर की 126वीं जयंती के मौके पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए पर्रिकर ने कहा कि जैसे ही मुझे मौका मिला, मैं गोवा लौट आया। पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि कश्मीर मुद्दे को सुलझाना कोई आसान काम नहीं है। कश्मीर मसले को सुलझाने के लिए दीर्घकालीन नीति की जरूरत है। कुछ चीजें ऐसी होती है जिन पर चर्चा कम से कम और कार्रवाई ज्यादा करने की जरूरत होती है।
कश्मीर मुद्दा भी ऐसा ही है, क्योंकि जब आप बातचीत के लिए बैठते हैं तो मसला और ज्यादा पेंचीदा हो जाता है। उन्होंने मीडिया के रवैये पर भी चर्चा की।
पर्रिकर का कहना था कि मीडिया में होने वाली चर्चाएं चीजों को खराब कर देती हैं। कश्मीर मुद्दे पर मीडिया के प्रश्नों का उत्तर देते हुए पर्रिकर ने कहा, “आप इस मुद्दे को हल होते देखना चाहते हैं या केवल खबर बनाना चाहते हैं? यदि आप चाहते हैं कि इस दिशा में कुछ हो, तो खबरों में इसकी ज्यादा चर्चा मत कीजिए।”
पर्रिकर का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब कश्मीर में सीआरपीएफ के जवानों के साथ बदसलूकी का मुद्दा बढ़ गया है। सूत्रों के मुताबिक, पर्रिकर ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटना चाहते थे, लेकिन राजनीतिक मजबूरियों के चलते ऐसा नहीं कर पा रहे थे।