राज्य में कोरोना के केस निरंतर बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में नौकरी पेशा लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए लॉकडाउन जैसे कई प्रतिबंध लगाए गए है. इस दौरान बिहार सरकार के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. मार्च से मई के उपरांत लॉकडाउन की अवधि में राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों के वेतन पर किसी तरह के कोई प्रतिबंध नहीं लगाए जाएंगे. इसी कड़ी में अब 16 से 31 जुलाई के बीच लॉकडाउन के नए दौर में भी वेतन पर कोई रोक नहीं लगाने का नियम सरकार ने लागू कर दिया है. इस फैसले से बड़ी संख्या में बिहार सरकार के कर्मचारियों को लाभ मिलेगा. 
मार्च से मई के बीच कार्यालय न आने वालों को पूरी तनख्वाह: वित्त मंत्रालय के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ ने प्रत्येक अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव के साथ ही प्रमंडलीय आयुक्त और जिला अधिकारीयों को सरकार के निर्णय से अवगत कराते हुए पत्र जारी किया है. कहा है कि सरकार ने मार्च से मई के दौरान लॉकडाउन की अवधि में ऑफिस नहीं आने वाले कर्मचाारियों के पूर्ण वेतन देने के निर्देश जारी कर दिए है. यह सुविधा जुलाई के लॉकडाउन में भी प्रभावी रहने वाली है. निर्देश है कि नियमित कर्मियों, संविदा कर्मियों और बाह्य एजेंसियों के माध्यम से कार्य करने वाले कर्मियों को वक़्त पर जुलाई के वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा. जो कर्मचारी कार्य पर नहीं आ पाए, उनका भी वेतन रोका नहीं जाएगा.
कोरोना से मृत कर्मचारियों के स्वजनों को पेंशन: जिसके पहले राज्य सरकार कोरोना संक्रमण से मरने वाले कर्मियों के स्वजनों को पेंशन देने का फैसला किया था. सीएम नीतीश की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सरकारी सेवकों को विशेष पारिवारिक पेंशन का लाभ देने का फैसला किया गया. इसके साथ ही यह भी फैसला किया गया है कि कोरोना संक्रमण से अगर किसी सरकारी कर्मी की जान जाती है तो उसे विशेष रूप से पारिवारिक पेंशन दी जाने वाली है. वर्ष 2004 के बाद सेवा में आने वालों के लिए सरकार ने यह बड़ा फैसला किया है. 2004 के बाद सेवा में आने वाले को NPC का लाभ दिया जा रहा है.
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