मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले हर पंचायत में गौशाला खोलने का वादा कर चुकी कांग्रेस अब तक अपने वादे को पूरा नहीं कर पाई है. सरकार के मुताबिक, इसके लिए भारी भरकम फंड की जरूरत है, लेकिन सरकारी खजाना इस बोझ को उठाने लायक स्थिति में नहीं है.
इसी बोझ को कम करने के लिए मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार अब प्रदेश में ‘गौ-सेस’ या ‘गाय-टैक्स’ लगाने पर विचार कर रही है. पशुपालन विभाग के एक उच्च सूत्र ने गुरुवार को फोन पर इस बात की पुष्टि की है कि हाल ही में हुई बैठक के दौरान ‘गौ-सेस’ लगाने का प्रस्ताव आया है, लेकिन इस पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है.
फिलहाल ये एक विचार है जो विभाग के अधिकारियों की तरफ से बैठक में दिया गया था. अभी ये तय नहीं है कि इसे कब से लागू किया जाएगा और किन वस्तुओं या उत्पादों पर ये सेस लगेगा. सूत्रों के मुताबिक, चौपहिया वाहनों पर सेस लगाने के बारे में बकायदा विचार-विमर्श भी किया गया है, लेकिन इससे आगे अभी बात नहीं बढ़ी है.
पशुपालन विभाग ने बताया कि ताजा पशुगणना के मुताबिक, मध्य प्रदेश में करीब 10 लाख बेसहारा गाय है. वहीं प्रदेश सरकार 1000 गौशाला खोलने की घोषणा कर चुकी है. हालांकि, चुनाव के वक्त हर पंचायत में गौशाला खोलने का वादा जरूर किया गया था, लेकिन फंड की किल्लत के चलते ये संभव नहीं. वहीं इस साल हुई भारी बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के चलते सरकार का खजाना दम तोड़ चुका है, ऐसे में गौशालाओं के लिए फंड जुटाने के नए तरीकों पर विचार किया जा रहा है.