इसे भाजपा में बढ़ता असंतोष कहें या विपक्षी दलों से मिल रही चुनौतियों का नतीजा कि पिछले 4 वर्षों से पार्टी में लागू उम्र पर पाबंदी का फार्मूला अब पीएम मोदी और शाह की जोड़ी ने त्यागने का फैसला किया है.मई, 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी टिकट देते समय अब उम्र पर कोई पाबंदी नहीं होगी.
बता दें कि चार साल पहले पीएम मोदी की सहमति से भाजपा ने 75 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को टिकट न देने का फैसला किया था, जिससे पार्टी में ही नाराजगी बढ़ गई थी. अब फिर चुनाव आने वाले हैं,इसलिए यह फैसला बदला गया है. अध्यक्ष अमित शाह ने यह संकेत दिया कि उम्मीदवारों के चयन के लिए जीत का दावेदार होना ही मानदंड होगा. साथ ही यह भी कहा है कि इन नेताओं के जीतने पर इनको प्रमुख पद संभालने से वंचित नहीं किया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि लोकसभा और राज्यसभा में भाजपा के करीब 15 ऐसे नेता हैं जो 75 वर्ष की उम्र को पार कर चुके हैं. इनमें एल.के. आडवाणी एम.एम. जोशी, शांता कुमार, शत्रुघ्न सिन्हा, करिया मुंडा जैसे नाम शामिल हैं. पार्टी के इस फैसले से लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को भी राहत मिल गई है जो 75 वर्ष की होने वाली है. दरअसल आगामी लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी में और विद्रोह न हो इसलिए यह निर्णय लिया गया है.जबकि पार्टी के वयोवृद्ध नेताओं ने इन चार सालों में खूब उपेक्षा झेली है.