उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच खड़ी नफरत की दीवार अब दरकने लगी है। पिछले महीने सालों बाद उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने सालों बाद दक्षिण कोरिया की जमीन पर कदम रखे। अब उत्तर और दक्षिण कोरिया के आम लोगों के लिए भी बॉर्डर के रास्ते खुल सकते हैं। दोनों कोरियाई देश शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद सैन्य मुद्दों और कोरियाई युद्ध में बिछड़े परिवारों को फिर से मिलाने पर बात करने के लिए तैयार हो गए हैं।
उत्तर को दक्षिण कोरिया के अधिकारियों के बीच शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक हुई, जिसमें दोनों कोरियाई देशों के बीच दूरी कुछ और कम होती नजर आई। बैठक के बाद दोनों देशों की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि जल्द ही सैन्य मुद्दों को लेकर बातचीत होगी। साथ ही इस वार्ता के दौरान कोरियाई युद्ध में बिछड़े परिवारों को फिर से मिलाने पर भी विचार किया जाएगा। सैन्य मुद्दों पर दोनों कोरियाई देशों के बीच 14 जून को वार्ता होगी। उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच ये वार्ता उत्तरी बॉर्डर पर असैनिकीकरण क्षेत्र में स्थित पैनमुनजॉम गांव में होगी।
वर्ष 1950-53 के बीच हुए युद्ध के बाद कुछ परिवार बिछड़ गए थे। इनमें से कुछ उत्तर कोरिया, तो कुछ दक्षिण कोरिया में रह गए। इसके बाद दोनों कोरियाई देशों के बीच युद्धविराम नहीं हुआ और बॉर्डर पर माहौल ज्यादातर समय गर्म रहा। लेकिन अब कोरियाई युद्ध के दौरान बिछड़े लोगों के पुनर्मिलन को लेकर उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच अगामी 22 जून को वार्ता हो सकती है। बयान में बताया गया कि दोनों कोरियाई देशों के बीच ये वार्ता उत्तरी सीमा पर स्थित माउंट कुमगैंग रिसॉर्ट में हो सकती है। उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच तेजी से चल रहे वार्ताओं के दौर को देखकर लगता है कि दोनों देशों के बीच खिंची नफरत की दीवार जल्द ही ध्वस्त हो जाएगी