उत्तराखंड में मार्च के दूसरे पखवाड़े के शुरू होने के बाद से ही मौसम का मिजाज आए दिन बदल रहा..

 मार्च के दूसरे पखवाड़े के शुरू होने के बाद से ही मौसम का मिजाज आए दिन बदल रहा है। देहरादून और मसूरी में गुरुवार रात शुरु हुआ वर्षा का सिलसिला शुक्रवार को भी दोपहर बाद तक जारी रहा।

 उत्तराखंड में मौसम के बदले मिजाज के बीच ज्यादातर क्षेत्रों में वर्षा-बर्फबारी और ओलावृष्टि हो रही है। देहरादून और मसूरी में गुरुवार रात शुरु हुआ वर्षा का सिलसिला शुक्रवार को भी दोपहर बाद तक जारी रहा। हालांकि आज शनिवार को धूप खिलने से कुछ राहत मिली है।

केदारनाथ धाम और गंगोत्री में शनिवार को भी हिमपात

इससे पहले शुक्रवार को बदरीनाथ-केदारनाथ सहित ऊंची चोटियों पर  हुई। यमुनोत्री धाम में रात को हिमपात हुआ। गंगोत्री धाम में वर्षा हुई। शनिवार को भी केदारनाथ धाम और गंगोत्री सहित ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हुई।

चोटियों पर हिमपात, निचले इलाकों में वर्षा-ओलावृष्टि की आशंका

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार प्रदेशभर में अगले कुछ दिन मौसम का मिजाज बदला हुआ रह सकता है। चोटियों पर हल्का हिमपात, निचले इलाकों में होने की आशंका है। मैदानी क्षेत्रों में कहीं-कहीं हल्की वर्षा के आसार बन रहे हैं। यह क्रम आगामी चार अप्रैल तक बना रह सकता है। ऐसे में तापमान सामान्य से नीचे रहने का अनुमान है।

मसूरी में 24 घंटे के भीतर कुल 45 मिमी वर्षा दर्ज

दून में 24 घंटे के भीतर करीब 35 मिमी, जबकि मसूरी में कुल 45 मिमी वर्षा दर्ज की गई। इसी के साथ दून में एक दिन में अधिकतम तापमान में 14 डिग्री सेल्सियस तक की कमी दर्ज की गई है। जो कि मार्च में बीते आठ साल में तापमान में आई सर्वाधिक कमी है।

आए दिन बदल रहा मौसम का मिजाज

मार्च के दूसरे पखवाड़े के शुरू होने के बाद से ही मौसम का मिजाज आए दिन बदल रहा है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से प्रदेश में लगातार दो दिन से रुक-रुककर वर्षा व ओलावृष्टि हो रही है। देहरादून-मसूरी समेत ज्यादातर क्षेत्रों में गुरुवार शाम को शुरू हुआ वर्षा का दौर शुक्रवार शाम तक जारी रहा।

मूसलाधार वर्षा के चलते तापमान ने भी गोता लगा लिया। बीते 24 घंटे में प्रदेश के कई हिस्सों में भारी वर्षा दर्ज की गई। वर्ष 2015 में हुई अत्यधिक वर्षा के बाद वर्ष 2023 में एक दिन में सर्वाधिक वर्षा बीते 17 मार्च को हुई।

जबकि, एक दिन के भीतर तापमान में 14 डिग्री सेल्सियस की गिरावट भी वर्ष 2015 के बाद पहली बार रिकार्ड की गई। उधर, कुमाऊं के रामनगर और काशीपुर में 24 घंटे में 100 मिलीमीटर से अधिक वर्षा दर्ज की गई है, जो कि वर्ष 1982 के बाद मार्च में हुई एक दिन की सर्वाधिक वर्षा है।

गुरुवार को सर्वाधिक और शुक्रवार को सबसे कम रहा पारा

दो दिन के भीतर दून में मौसम ने अजीबो गरीब रंग दिखाए। जहां गुरुवार को दून का अधिकतम पारा इस वर्ष में अब तक सर्वाधिक 32.2 डिग्री सेल्सियस और शुक्रवार को अधिकतम तापमान 18.3 डिग्री सेल्सियस इस माह में सबसे कम रिकार्ड किया गया। यह पारा सामान्य से 11 डिग्री सेल्सियस कम है।

  • शहर, अधिकतम, न्यूनतम
  • देहरादून, 18.3, 15.6
  • ऊधमसिंह नगर, 27.6, 17.0
  • मुक्तेश्वर, 09.2, 5.0
  • नई टिहरी, 09.4, 8.6

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