देहरादून, उत्तराखंड में मौसम का मिजाज फिर बदल सकता है। दो दिन राहत के बाद शनिवार से तीन दिन तक कई इलाकों में भारी बारिश की आशंका है। इसको लेकर राज्य मौसम विज्ञान केंद्र ने येलो अलर्ट जारी किया है। हालांकि, गढ़वाल में फिलहाल बारिश थमने से राहत है और सभी प्रमुख मार्ग सुचारू हैं, लेकिन कुमाऊं में दुश्वारियां बरकरार हैं। पिथौरागढ़ में भूस्खलन से दो मकानों को खतरा पैदा हो गया है।
प्रदेश में पिछले दो दिन से बारिश का सिलसिला कुछ धीमा रहा है। देहरादून समेत आसपास के क्षेत्रों में सुबह और शाम को हल्की बूंदाबांदी हुई, जबकि दिनभर चटख धूप खिली रही। चारधाम समेत अन्य प्रमुख मार्गों पर आवाजाही सुचारू है। दिल्ली-यमुनात्री हाईवे नैनबाग के पास आठ दिन बाद आवाजाही के लिए खुल गया है। उधर, पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी में बारिश थमने के बाद भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं। शुक्रवार को निर्तोली गांव में हुए भूस्खलन से दो मकान खतरे की जद में आ गए। भयभीत ग्रामीणों ने प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई है।
दूसरी ओर भू-विज्ञानियों की टीम ने आपदा प्रभावित जुम्मा गांव का भूगर्भीय सर्वेक्षण किया। विकासखंड मुनस्यारी के सैणरांथी गांव के खेता तोक में भूमि पर पड़ी दरारों से खतरे में आए सभी 13 परिवार सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिए गए हैं। चंपावत जिले में बंद चल रहा टनकपुर-चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग शुक्रवार को 12वें दिन दोपहर में यातायात के लिए खोल दिया गया।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगले तीन दिन देहरादून, नैनीताल, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत, पौड़ी, टिहरी में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। अन्य जिलों में भी गरज के साथ बौछारें पड़ने की आशंका है।