किच्छा : लग्जरी लाइफ जीने के शार्टकट ने टेंट व्यवसायी को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। स्थानीय टेंट व्यवसायी अमोलक मल्होत्रा व्यवसाय में ईमानदारी का मार्ग छोड़ बिना मेहनत लाखों कमाने के चक्कर में नशे की तस्करी तक पहुंच गया। अपने साथी सतनाम ङ्क्षसह के साथ पिछले पांच वर्षों से तस्करी में लिप्त अमोलक का कनेक्शन झारखंड से लगा तो वह लाखों में खेलने लगा। झारखंड के तस्कर बनारस अथवा लखनऊ में डिलीवरी देने आते थे, जहां से लाकर दोनों किच्छा क्षेत्र में अफीम खपा देते थे। दो माह में एक चक्कर इनका लग जाता था। सूत्रों के अनुसार बरामद अफीम झारखंड से 60 हजार रुपये किग्रा लाई गई, जिसे वह लगभग डेढ़ लाख रुपये में बेचने वाले थे। एसडीएफ की नजर दोनों पर पिछले तीन माह से थी।
अफीम का गढ़ बन रहा किच्छा
पहले से ही किच्छा में स्मैक का बढ़ता प्रचलन युवाओं को नशे की गर्त में धकेल रहा है। वहीं अब यह अफीम का भी गढ़ बनता जा रहा है। ट्रक चालकों की लत से इसकी अच्छी खासी खपत हो रही है। ट्रांसपोर्ट का क्षेत्र इसमें मददगार साबित हो रहा है।
दो माह पूर्व ही गया था झारखंड
अमोलक दो माह पूर्व ही झारखंड गया था। वह नशे की तस्करी की जड़ तक पहुंचने का प्रयास कर रहा था, लेकिन एसटीएफ ने उसका खेल खत्म कर दिया।
एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि लगातार कार्रवाई करने के साथ ही एसटीएफ लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक भी कर रही है। जनता से अपील की जा रही है कि वह अपने बच्चों को इससे बचाकर रखे। जिनके लिए भी तस्कर अफीम लाए थे, उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।