ईरान की संसद और खुमैनी मकबरे पर आतंकी हमले को लेकर सऊदी अरब बुरी तरह फंस गया है. बुधवार को इन आतंकी हमलों से पहले सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने अब्देल जुबेर ने खुलेआम धमकी दी थी कि ईरान को खाड़ी क्षेत्र में दखल देने और आतंकी संगठनों का समर्थन करने का खामियाजा निश्चित रूप से भुगतना पड़ेगा.
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पेरिस दौरे पर जुबेर ने कहा कि ईरान अलकायदा समेत अन्य आतंकी संगठनों के सरगना को संरक्षण दे रहा है. सऊदी विदेश मंत्री जुबेर की इस धमकी के कुछ घंटे बाद ही ईरान में हुए आतंकी हमले हुए हैं. ईरान शिया बहुल मुस्लिम राष्ट्र है, जबकि सऊदी सुन्नी बहुल मुस्लिम राष्ट्र है. इन दोनों देशों के बीच छत्तीस का आंकड़ा है. हाल ही में दोनों देशों ने एक-दूसरे से राजनयिक संबंध तक खत्म कर लिए थे. अब सऊदी और ईरान के बीच टकराव के हालात पैदा हो गए हैं. इससे पहले सऊदी समेत सात देशों ने कतर से राजनयिक रिश्ते खत्म कर लिए थे.
इस पर ईरान ने कतर का समर्थन किया था. इससे सऊदी अरब समेत कई देश ईरान से भी बेहद खफा हो गए हैं. वर्तमान में खाड़ी क्षेत्र दो धड़े में बंट गया है. मालूम हो कि बुधवार को ईरानी संसद और खुमैन के मकबरे पर हमलों में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 35 से ज्यादा लोग घायल हो गए. वहीं, ईरान के सुरक्षा बल इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कोर ने आतंकियों के खिलाफ मोर्चा संभाल लिया.
ईरानी संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा एवं विदेश नीति कमेटी के प्रवक्ता हुसैन नघवी हुसैनी ने बताया कि चार में एक हमलावर गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि हमलावरों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी जारी है, लेकिन अब हालात पहले के मुकाबले काबू में हैं. संसद की ओर जाने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं. वहीं, ईरान के गृहमंत्री अब्दोलरेज रहमानी फाजली ने बताया कि तेहरान प्रोविंस सिक्यूरिटी काउंसिल की आपातकालीन बैठक आयोजित करने जा रहे हैं. हालांकि उन्होंने इस बाबत ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया है.