एक दौर ऐसा था, जब अमिताभ बच्चन के सुपर स्टारडम को मिथुन चक्रवर्ती से कड़ी चुनौती मिली थी। उस समय मिथुन को गरीबों का अमिताभ बच्चन कहा जाने लगा था। इसका सीधे तौर पर मतलब यह था कि जिस निर्माता या निर्देशक को अपनी फिल्म के लिए अमिताभ बच्चन नहीं मिल पाते थे, उस फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती काम कर लिया करते थे। 
‘सोनू के टीटू की स्वीटी’ को मिली अच्छी कामयाबी
इस दौर में कोई गरीबों का सलमान खान नहीं है, न ही कोई गरीबों का शाहरुख खान मौजूद है, लेकिन रणबीर कपूर खुश हो सकते हैं कि गरीबों का रणबीर कपूर जरूर बॉलीवुड में मौजूद है। गरीबों के रणबीर कपूर की यह इमेज कार्तिक आर्यन की है, जो ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’ को मिली कामयाबी को पचाने की कोशिश कर रहे हैं। परदे पर रणबीर कपूर जैसा दिखने की कोशिश में सब कुछ करने वाले कार्तिक आर्यन अपनी फिल्म की कामयाबी के बाद स्वघोषित स्टाइल में मान चुके हैं कि इस दौर के सबसे बड़े सुपरस्टार वही हैं।
टीम ने लीक की खबर
कार्तिक की टीम जोर-शोर से नगाड़े पीट रही थी कि उनको एक बड़े प्रोडक्शन हाउस ने तीन बड़ी फिल्मों के लिए कास्ट किया है, जिसमें से एक फिल्म एक खान हीरोइन के साथ मिली है। ऐसे नगाड़ों से माना जाता है कि मार्केट बड़ी होती है। प्लान तो धांसू था, लेकिन यह हवा का गुब्बारा साबित हुआ। जिस प्रोडक्शन हाउस और हीरोइन के नाम का इस्तेमाल हुआ, दोनों ने खंडन कर दिया कि किसी फिल्म के साथ उनका कोई चक्कर नहीं है। स्टारडम के नाम पर बड़ी-बड़ी हांकने से बहुत कुछ मिल जाता है, लेकिन हमेशा ऐसा होता, तो चंकी पांडे से लेकर विवेक ओबरॉय आज भी सुपरस्टार ही होते।
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