दुनिया के सबसे तेज धावक के तौर पर पहचाने जाने वाले उसेन बोल्ट ने अपने दौड़ने के पीछे के कारणों का खुलासा किया। खेल से सन्यास ले चुके बोल्ट ने कई रिकार्ड औरह मेडल्स अपने नाम किए हैं। 2009 में बर्लिन में वर्ल्ड चैंपियनशिप के दौरान उन्होंने 9.58 सेकंड में दौड़ पूरी की और वर्ल्ड रेकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता। 8 बार के ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट और 11 बार के वर्ल्ड चैंपियन बोल्ट ने कहा कि उन्होंने अपने करियर में मेडल जीतने के लिए दौड़ लगाई, ना कि रेकॉर्ड बनाने के लिए हिस्सा लिया। उन्होंने कहा, ‘समय जल्दी बीत जाता है।
लगता ही नहीं कि इसे (बर्लिन में गोल्ड मेडल) 10 साल बीत गए।’ बोल्ट ने बताया कि, ‘मेरे लिए ओलिंपिक गेम्स में गोल्ड मेडल हाइलाइट्स की तरह रहेंगे। मैं इतने साल मेडल के लिए दौड़ा। मेडल के साथ अच्छा समय निकालना, सच में बेस्ट है।’ इसी महीने 21 अगस्त को 33 साल के होने जा रहे बोल्ट ने दो साल पहले संन्यास की घोषणा की थी। उन्होंने आगे कहा कि,मुझे याद है बर्लिन के स्टेडियम में नीले रंग का रेगुपोल ट्रैक, जिसका बड़ा इतिहास है।
साल 2008 में मैंने पहली बार ओलिंपिक में तिहरे स्वर्ण पदक जीते थे और फिर अच्छी ट्रेनिंग की। मैं हर चैंपियनशिप में जीतने के मकसद से उतरता था, लेकिन साथ ही पता था कि यदि अच्छा करूंगा तो जीत दर्ज करूंगा और रेकॉर्ड भी सुधारूंगा।’ बोल्ट ने कहा, ‘जाहिर सी बात है कि मैं खचाखच भरे स्टेडियम में दौड़ लगाने और उनसे एनर्जी को मिस करता हूं लेकिन अपने संन्यास के फैसले से खुश हूं और उस बारे में मुझे कोई गिला नहीं है। रिटायरमेंट के बाद से मैं अपनी एनर्जी दूसरी जगह लगा पा रहा हूं और काफी व्यस्त रहता हूं।’ बोल्ट ने कई ऐसे असाधारण रिकार्ड अपने नाम किए हैं जिसे तोड़ना मुश्किल है।