इन 14 डिजाइन में हैं 10 रुपये के वैध सिक्के

इन 14 डिजाइन में हैं 10 रुपये के वैध सिक्के

10 रुपये के वैध सिक्कों के डिजाइन

10 रुपये के सिक्कों को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म रहता है और कई दुकानदार एवं अन्य व्यवसायी एक खास डिजाइन का 10 रुपये का सिक्का ही लेता है, बाकी डिजाइन के सिक्के लेने से इनकार कर देता है। रिजर्व बैंक को भी इन अफवाहों की खबर है। इसलिए वह समय-समय पर सफाई देता रहता है। देश के केंद्रीय बैंक ने बुधवार को भी अपनी यह बात दोहराई कि मौजूदा चलन के सभी 14 अलग-अलग प्रकार के 10 रुपये के सिक्के वैध हैं और इन्हें लेने से कोई इनकार नहीं कर सकता। आइए जानते हैं, क्या कहा है आरबीआई ने…इन 14 डिजाइन में हैं 10 रुपये के वैध सिक्के
ऐसे होती है परेशानी

कई बार आपका भी उन लोगों से सामना हुआ होगा जो 10 रुपये के कुछ खास डिजायन वाले सिक्के लेने से इनकार कर देते हैं। कई दुकानदार, ऑटो वाले, सब्जी विक्रेता आदि इन अफवाहों के शिकार हो जाते हैं कि 10 रुपये के वही सिक्के सही हैं जिनमें 10 धारियां बनी हुई हैं। बाकी सारे सिक्के अवैध हैं।
ऐसे होती है परेशानी

यही वजह है कि 10 के सिक्के को लेकर लोगों को काफी परेशानी होती है। कई बार पैसे होते हुए भी लोग सामान नहीं खरीद पाते हैं या अन्य तरह की मुश्किलें झेलते हैं।
सभी 14 तरह के सिक्के वैध

रिजर्व बैंक ने कहा, ‘अभी तक 10 रुपये के सिक्के के 14 अलग डिजायन पेश किए गए हैं। ये सभी सिक्के वैध हैं तथा लेन-देन के लिए स्वीकार जाने योग्य हैं।’ रिजर्व बैंक ने बैंकों को भी अपनी सभी शाखाओं में लेनदेन के लिए सिक्के स्वीकृत करने के लिए कहा है।
​ क्यों बनते हैं अलग-अलग डिजाइन के सिक्के?

रिजर्व बैंक ने कहा कि वह चलन में सिर्फ उन्हीं सिक्कों को लाता है जो सरकारी टकसाल में ढाले जाते हैं। इन सिक्कों में अलग-अलग फीचर्स हैं ताकि ये आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित कर सकें।
क्यों बनते हैं अलग-अलग डिजाइन के सिक्के?

सिक्कों के अलग-अलग डिजाइन को समय-समय पर पेश किया गया है। गौरतलब है कि इंडियन कॉइनेज ऐक्ट, 2011 की धारा 6 के तहत सिक्कों की वैधता परिभाषित की जाती है।
​ पहले भी दी थी सफाई

आरबीआई ने इससे पहले नवंबर महीने में भी सफाई दी थी कि सभी तरह के सिक्के ठीक हैं और लोग उन्हें लेने से मना न करें। 10 का सिक्का लेने से इनकार करने पर कानूनी कार्रवाई की भी बात कही गई थी, फिर भी लोगों में संदेह बरकरार है।

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