नई दिल्ली, आयकर विभाग ने टैक्सपेयर के फेसलेस असेसमेंट के लिए कुछ तरीके सुझाए हैं। मसलन कैसे आप अपना मोबाइल नंबर, ईमेल और दूसरी जानकारी अपडेट कर सकते हैं। इसके लिए टैक्सपेयर को कुछ जरूरी स्टेप्स को फॉलो करना होगा।
ईमेल आईडी करते रहें चेक
आयकर विभाग के नए tweet के मुताबिक कम्युनिकेशन के लिए करदाताओं को आयकर विभाग को दी गई ई-मेल आईडी और फोन नंबर सहित अपने ब्योरे को अपडेट करना चाहिए। ई-फाइलिंग पोर्टल http://incometax.gov.in से अपडेट होते रहें।
ईमेल पर आएगा नोटिस
अगर आपके मामले को जांच के लिए चुना गया है तो आपको ई-फाइलिंग पोर्टल और रजिस्टर ई-मेल खाते पर आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 143(2) के तहत एक नोटिस मिलेगा। उसी के लिए समय पर प्रतिक्रिया दर्ज करें।
अधिक जानकारी के लिए आएगा एक और नोटिस
अगर विभाग को अधिक ब्योरे की आवश्यकता है तो ई-फाइलिंग पोर्टल और रजिस्टर ई-मेल खाते पर आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 142(1) के तहत सवालों के साथ नोटिस मिलेगा। डेडलाइन के भीतर अपना उत्तर दाखिल कर दें।
स्थगन की मांग कब
असेसमेंट की कार्यवाही के दौरान अगर जरूरत पड़े तो आप स्थगन की मांग कर सकते हैं। हालांकि, स्थगन की मांग के लिए वजह उपयुक्त होनी चाहिए।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का फायदा कब मिलेगा
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई का फायदा केवल कारण बताओ नोटिस और मसौदा मूल्यांकन आदेश के जवाब में लिखित प्रस्तुतियां दाखिल करने के बाद लिया जा सकता है।
लिखित जवाब देने के बाद VC
लिखित सबमिशन दाखिल करने के बाद ई-फाइलिंग पोर्टल http://incometax.gov.in पर VC टैब का उपयोग करके आप वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई करा सकते हैं।
नोटिस को नजरअंदाज न करें
नोटिस का जवाब देने में विफलता या समय के भीतर जवाब नहीं देने पर आपको सही फैसला नहीं मिल पाएगा। अंतिम आदेश जारी होने से पहले मसौदा मूल्यांकन आदेश के साथ कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। इसका तय समय के भीतर जवाब दिया जाना चाहिए ।