बैंक या किसी एनबीएफसी से आपको शिकायत है? किसी ने आपसे वादा किया है या कहा है कि वह आपकी शिकायत जल्द दूर करवा देगा या आपकी समस्याओं का समाधान करवा देगा, तो सावधान हो जाएं। ऐसे लोग या कंपनियां आपसे पैसो की मांग भी करती हैं। इस संदर्भ में भारतीय रिजर्व बैंक ने एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए ग्राहकों को आगाह किया है। रिजर्व बैंक ने बुधवार को कहा कि उसने किसी बाहरी एजेंसी को विनियमित संस्थाओं के खिलाफ जनता की शिकायतों के निवारण के लिए अधिकृत नहीं किया है।
केंद्रीय बैंकों ने एक बयान में कहा कि रिजर्व बैंक – एकीकृत लोकपाल योजना 2021 (आरबी-आईओएस) के बारे में सोशल मीडिया के कुछ वर्गों के माध्यम से गलत सूचना फैलाने की खबर आरबीआई के संज्ञान में आए हैं। इसमें कहा गया है कि ये संदेश बड़े पैमाने पर जनता को यह बता रहे हैं कि वे आरबीआई द्वारा विनियमित संस्थाओं के खिलाफ शुल्क या अन्यथा शिकायतों के शीघ्र निवारण के लिए तीसरे पक्ष के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज कराएं।
बता दें कि आरबीआई के पास विनियमित संस्थाओं (आरई) के खिलाफ शिकायतों के निवारण के लिए किसी भी संस्था के साथ ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। आरबीआई ने आरबी-आईओएस के तहत बिना किसी शुल्क लिए शिकायत निवारण तंत्र निर्धारित किया है। इसमें किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं लगता है।
RBI ने कहा, जिन ग्राहकों को सेवाओं कमी लग रही है और वे शिकायत करना चाहते हैं तो वे सीधे शिकायत प्रबंधन प्रणाली (सीएमएस) पोर्टल (https://www.rbi.org.in) पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। या ई-मेल द्वारा crpc@rbi.org.in पर शिकायत भेज सकते हैं।
RBI के मुताबिक, शिकायतकर्ता आरबी-आईओएस पर प्रश्न रखते हैं या उपरोक्त विधियों के माध्यम से दर्ज की गई अपनी शिकायतों से संबंधित जानकारी चाहते हैं, वे टोल-फ्री 14448 पर आरबीआई के संपर्क केंद्र तक पहुंच सकते हैं। ये सेवा कार्य दिवसों पर सुबह 9:30 बजे से शाम 5:15 बजे तक उपलब्ध है। यह हिंदी, अंग्रेजी और नौ क्षेत्रीय भाषाओं (बंगाली, गुजराती, कन्नड़, ओडिया, मलयालम, मराठी, पंजाबी, तमिल और तेलुगु) में उपलब्ध है। शिकायतों की स्थिति को सीएमएस पोर्टल पर भी ट्रैक किया जा सकता है।