शास्त्रों में पौष माह की पूर्णिमा का बहुत महत्व बताया गया है। आप सभी को बता दें कि साल 2022 की पहली पूर्णिमा 17 जनवरी, सोमवार को मनाई जाएगी। ऐसे में इस दिन कुछ उपाय किये जा सकते हैं जो लाभ दिलाने वाले हैं। आज हम आपको उन्ही उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं।
* शुभ फलों में वृद्धि के लिए पौष पूर्णिमा के दिन मुख्य द्वार समेत घर के दरवाजों पर आम और अशोक के पत्तों का तोरण लगना चाहिए क्योंकि इससे घर में सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
* पूर्णिमा तिथि भगवान सत्यनारायण एवं मां लक्ष्मी को समर्पित होती है। ऐसे में इस दिन व्रत रखने से संकटों और दुखों का नाश होता है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है।
* कहा जाता है इस दिन व्रत रखने वाले रात्रि के समय भगवान नारायण की प्रसन्नता के लिए नृत्य,भजन-कीर्तन और स्तुति के द्वारा जागरण करने तो लाभ होता है। वहीं जागरण करने वाले को जिस फल की प्राप्ति होती है,वह हज़ारों बर्ष तपस्या करने से भी नहीं मिलता।
* स्कंद पुराण के अनुसार सत्यनारायण भगवान विष्णु के ही रूप हैं। ऐसे में पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की कथा कराने और सुनने से भक्तों पर विष्णुजी की असीम कृपा होती है। वहीं शास्त्रों में कहा गया है कि सत्यनारायण कथा कराने से हजारों साल तक किए गए यज्ञ के बराबर फल मिलता है।
* कहा जाता है इस दिन गीता पाठ,विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ व ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का जप करने से प्राणी पापमुक्त-कर्जमुक्त होकर विष्णुजी की कृपा पाता है।
* पूर्णिमा के दिन आसमान के नीचे सांयकाल घरों, मंदिरों, पीपल के वृक्षों तथा तुलसी के पौधों के पास दीप प्रज्वलित करने चाहिए।
* कहा जाता है इस दिन चावल,घी,खिचड़ी,कम्बल,वस्त्रदान,तिल से बनी हुई मिठाइयां एवं फल आदि का दान करना बहुत ही लाभकारी माना गया है।