हर साल 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस मनाया जाता है ताकि लोगों को इस गंभीर स्थिति के बारे में जागरूक किया जा सके। आज हम एक्सपर्ट की मदद से बता रहे हैं डायबिटीज किस तरह हाइपरटेंशन के खतरे को बढ़ा सकती है।
डायबिटीज होने पर हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। यानी डायबिटीज से जूझ रहे हर तीन लोगों में दो लोग हाई ब्लड प्रेशर का भी शिकार हो जाते हैं। डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर में गहरा रिश्ता भी है। न सिर्फ इनके जोखिम कारक और कारण एक से हैं, बल्कि डायबिटीज की वजह से हाई ब्लड प्रेशर भी हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इंसुलिन प्रतिरोध और उच्च रक्त शर्करा का स्तर उन स्थितियों को जन्म दे सकता है, जो उच्च रक्तचाप का कारण बनती हैं।
यह दोनों स्थितियां मिलकर एक व्यक्ति में दिल की बीमारी, स्ट्रोक और दूसरी जटिलताओं का खतरा बढ़ाती हैं। हालांकि, इन दोनों को लाइफस्टाइल में आसान बदलावों की मदद से कंट्रोल किया जा सकता है।
डायबिटीजस और हाई ब्लड प्रेशर होने के कारण क्या हैं?
गुरुग्राम के सीके बिरला अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन कंसलटेंट, डॉ. तुषार तायल ने इसके जोखिम कारक बताए।
- आलस से भरी लाइफस्टाइल
- लंबे समय से इंफ्लेमेशन
- मोटापा या अधिक वजन होना
- उच्च रक्तचाप का पारिवारिक इतिहास हो।
- ज्यादा नमक का सेवन करना
- ज्यादा फल और सब्जियां का सेवन न करना ।
- व्यायाम न करना
- शराब का अधिक सेवन करना
हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण क्या हैं?
हाइपरटेंशन को लेकर कई तरह के मिथक भी सुनने में आते हैं, जैसे कि जो लोग इससे जूझते हैं उनको पसीना बहुत आता है, चेहरा लाल रहता है, नींद आने में दिक्कत होती है या शांत रहना मुश्किल लगता है।
हाई ब्लड प्रेशर को ‘साइलेंट किलर’ भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें कई दफा एक भी लक्षण नजर नहीं आता है। हाइपरटेंशन का पता लगाने के बेस्ट तरीका है अपना ब्लड प्रेशर की जांच करना।