पितृ पक्ष का हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा महत्व है। यह पितरों को समर्पित है। 15 दिनों की ये अवधि हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखती है। इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत आज यानी 7 सितंबर, 2025 से हो रही है। इस दौरान पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान जैसे अनुष्ठान करने से उन्हें मुक्ति मिलती है। ऐसा माना जाता है कि इन दिनों में पितृ धरती पर आते हैं और अपने परिवार को आशीर्वाद देते हैं।
रात में करें ये विशेष उपाय
पीपल के नीचे दीपक जलाएं – पितृ पक्ष के दौरान पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना बहुत शुभ होता है। माना जाता है कि पीपल के पेड़ में पितरों का वास होता है। ऐसे में रात के समय, खासकर सर्व पितृ अमावस्या की रात, पीपल के पेड़ के नीचे एक दीपक जरूर जलाएं। इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
दक्षिण दिशा में दीपक रखें – कहते हैं कि घर की दक्षिण दिशा में पितरों का वास होता है। ऐसे में पितृ पक्ष के दौरान रोजाना घर की दक्षिण दिशा में एक दीपक जलाकर रखें। इस दीपक में सरसों का तेल डालें और इसे पितरों को समर्पित करें। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
कौए और कुत्तों को भोजन कराएं – रात में भोजन करने से पहले, एक थाली में पितरों के लिए भोजन निकालें और इसे कौए या कुत्तों को खिला दें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ इन रूपों में भोजन ग्रहण करते हैं। ऐसा करने से पितृ खुश होते हैं और घर में अन्न की कमी नहीं होती है।
पितरों का ध्यान करें – रात को सोने से पहले, शांत मन से अपने पितरों का ध्यान करें। उनके नाम का जाप करें और उनसे अपनी गलतियों के लिए माफी मांगें। इसके साथ ही उनसे अपने जीवन में सुख-शांति बनाए रखने का आशीर्वाद मांगें। यह एक बहुत ही आसान लेकिन शक्तिशाली उपाय है।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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