तमिल फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांतके राजनीति में उतरने और पार्टी बनाकर वर्ष 2021 के तमिलनाडुविधानसभा चुनाव लड़ने के फैसले के 15 दिन बाद हुए एक सर्वे में उन्हें निराशा हाथ लगी है। इंडिया टुडे और कार्वी के ऑपिनियन पोल के मुताबिक अगर राज्य में मध्यावधि चुनाव हुए तो 234 सदस्यीय तमिलनाडु विधानसभा में उन्हें मात्र 33 सीटें मिलेंगी। सर्वे के अनुसार रजनीकांत को सीटें कम जरूर मिलेंगी, लेकिन वह किंगमेगर साबित हो सकते हैं।
सर्वे से पता चला है कि सत्ता की दौड़ में आगे चल रही डीएमके को हालांकि मई 2016 के विधानसभा चुनाव में मिले कुल वोट में से 4 फीसदी का नुकसान हो सकता है। इस चुनाव में डीएमके को 98 सीटें मिली थीं। सर्वे में सबसे ज्यादा नुकसान एआईएडीएमके को होता दिख रहा है। अपनी करिश्माई नेता जे जयललिता के निधन के बाद एआईएडीएमके को मात्र 68 सीटें मिलती दिख रही हैं।
एआईएडीएमके को वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले 67 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है। अगर आज चुनाव हों तो उसे करीब 26 फीसदी पॉप्युलर वोट मिलेंगे। एआईएडीएमके को 15 प्रतिशत वोटों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। सीएम पद की दौड़ में रजनीकांत की अपेक्षा डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन सबसे आगे चल रहे हैं।
उन्हें सर्वे में 50 फीसदी लोगों ने अपना सीएम माना, वहीं रजनीकांत 17 प्रतिशत वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वर्तमान डेप्युटी सीएम ओ पन्नीरसेल्वम को 11 फीसदी लोगों का समर्थन मिला है। मजेदार बात यह है कि एक और तमिल फिल्मों के सुपर स्टार और राजनीति में कदम रखने जा रहे ऐक्टर कमल हासन को मात्र 4 फीसदी लोगों ने सीएम पद के योग्य माना है।