क्योंकि डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है इसलिए इसे दवाइयों और लाइफस्टाइल में बदलाव की मदद से कंट्रोल करने की जरूरत होती है। लेकिन फिर भी कई बार इसका स्तर बढ़ता है या कम हो जाता है। आइए जानें इसकी वजहें।
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भारत में 7.7 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, यही वजह है कि इसे दुनिया की डायबिटीज राजधानी कहा जाता है। डायबिटीज का इलाज नहीं है, इसलिए इसे मैनेज करने के लिए कई चीजों पर ध्यान देना होता है, ताकि ब्लड शुगर के स्तर पर अचानक उतार चढ़ाव न आए। तो आइए जानें कि कभी-कभी ब्लड शुगर का स्तर अचानक क्यों कम या ज्यादा हो जाता है। इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं।
ब्लड शुगर का स्तर अचानक बढ़ने की वजहें क्या हैं?
डाइट और खाने का समय
आप किस तरह का खाना खाते हैं, कब खाते हैं और कितना खाते हैं, इन सभी का असर ब्लड शुगर के स्तर पर पड़ता है। उच्च कार्ब्स युक्त खाना तेजी से ब्लड शुगर का स्तर बढ़ाता है। वहीं, कभी जल्दी तो कभी देर से खाना खाने से भी ब्लड शुगर काफी ऊपर-नीचे हो सकता है। 2020 में लैंसेट में छपी एक स्टडी खाने के समय की अहमियत पर जोर देते हुए बताती है कि गलत समय से ग्लायसेमिक कंट्रोल को नुकसान पहुंचता है।
शारीरिक गतिविधि
वर्कआउट करने से आपके ब्लड शुगर के स्तर पर पॉजीटिव असर पड़ता है, क्योंकि इससे आपका शरीर इंसुलिन को बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर सकता है। हालांकि, बहुत अधिक और बहुत कम शारीरिक गतिविधि रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव में योगदान दे सकती है। उदाहरण के तैर पर, तीव्र व्यायाम रक्त शर्करा के स्तर में अस्थायी वृद्धि का कारण बन सकता है, जबकि लंबे समय तक शारीरिक गतिविधि बंद कर देने से इंसुलिन प्रतिरोध हो सकता है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है।
दवाइयों का सेवन
कुछ दवाइयों को सेवन सही डोज़ के साथ समय पर भी करना चाहिए, ताकि ब्लड शुगर का स्तर सही रहे। इसका अगर पालन न किया जाए, तो इससे ब्लड शुगर के स्तर में उतार-चढ़ाव आ सकता है।
तनाव और बीमारी
अगर आप शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से तनाव महसूस कर रहे हैं, तो इससे हॉर्मोन्स रिलीज होते हैं, जो ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाते हैं। बीमारी, खासतौर पर इन्फेक्शन होने पर शरीर संक्रमण से लड़ने के लिए स्ट्रेस हॉर्मोन्स का उत्पादन करता है, जिससे भी ब्लड शुगर का स्तर बढ़ता है।
नींद से जुड़ी गलतियां
साल 2011 में डायबिटीज केयर जर्नल में छपी एक स्टडी में नींद की अवधि और ग्लाइसेमिक नियंत्रण के बीच संबंध पाया गया। खराब नींद की गुणवत्ता या अनियमित नींद का पैटर्न रक्त शर्करा के स्तर और इंसुलिन संवेदनशीलता को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे ग्लाइसेमिक परिवर्तनशीलता में योगदान होता है।