हरिद्वार, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में अध्यक्ष और महामंत्री पद को लेकर शुरू हुई रार ने परिषद के दो फाड़ करा दिए हैं। बैरागी आणियों की अगुआई में खुद को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद घोषित करते हुए एक गुट ने अपनी बैठक महानिर्वाणी अखाड़े में बुलाई है। बैठक में महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव और कनखल के दक्षेश्वर महादेव मंदिर के परमाध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्मोही अणि के राजेंद्र दास को राष्ट्रीय महामंत्री घोषित करने की तैयारी है।
दावा किया जा रहा है कि परिषद के इस गुट को तीन बैरागी अणियों के साथ महानिर्वाणी अखाड़ा, अटल अखाड़ा, निर्मल अखाड़ा और बड़ा अखाड़ा उदासीन का समर्थन हासिल है। इस लिहाज से 13 सदस्यीय अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के सात अखाड़ों का उन्हें बहुमत प्राप्त है। इससे पहले 2010 हरिद्वार कुंभ के बाद भी अखाड़ा परिषद में दो फाड़ हुआ था और महंत बलवंत सिंह की अगुआई में एक नई अखाड़ा परिषद का गठन किया गया था पर इसे 2013 इलाहाबाद कुंभ (अब प्रयागराज) में भंग कर दिया गया था।
बैठक में श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा, श्री पंचायती आनंद अखाड़ा, श्री पंचायती अग्नि अखाड़ा, श्री पंचायती आवाहन अखाड़ा के साथ में अखाड़ा उदासीन फिलहाल शामिल नहीं है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्री महंत हरि गिरि ने कहा है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की राष्ट्रीय बैठक 25 अक्टूबर को प्रयागराज में होना तय है, उसी बैठक में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। इससे पहले यह चुनाव होना संभव नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय बैठक से पहले परिषद में शामिल अखाड़े अपना मत तय करने के लिए बैठक करने को स्वतंत्र हैं, पर उनका मत अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का निर्धारण करने के लिए अंतिम निर्णय नहीं माना जा सकता। अध्यक्ष पद पर चुनाव तो प्रयागराज में होने वाली अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में ही होगा।
श्री महंत हरि गिरि के इस बयान से साफ हो गया है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में अब दो गुट बन गए हैं, जिसमें से एक महानिर्वाणी अखाड़े के श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज को आगे कर बैठक कर रहा है।
इस मामले में तीनों बैरागी अणियां अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में बैरागी अणियां को प्रतिनिधित्व देने के मुद्दे पर पहले से नाराजगी जताते चले आ रही हैं और परिषद में अखाड़ों की ओर से अध्यक्ष या महामंत्री पद देने की मांग कर रही थी। वर्तमान अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में बैरागी अखाड़ों को कोई प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है। जबकि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की परंपरा अनुसार परिषद में अध्यक्ष या महामंत्री का पद संन्यासी और बैरागी अखाड़ों के मध्य रहता था। पर, वर्तमान अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में अध्यक्ष और महामंत्री पद दोनों पर ही संन्यासी अखाड़ों के प्रतिनिधि विराजमान थे। अध्यक्ष पद श्रीमान नरेंद्र गिरि के ब्रह्मलीन होने से रिक्त चल रहा है।