आज का युग भले ही नवयुग हो गया है लेकिन आज भी युवतियां यौन संबंध बनाने से पहले बहुत कुछ सोचती हैं| किसी के साथ यौन संबंध बनाना कोई आसान काम नही है इसिलिय युवतियां आज भी बेसब्री से एडल्ट होने का इंतज़ार करती हैं|ब्रिटेन में जहां 13 वर्ष की लड़कियां मां बन रही हैं, वहीं भारत की लड़कियों के संस्कार आज भी उन्हें कम उम्र में सेक्स संबंध बनाने से रोक देती हैं। सेक्स और गर्भनिरोधक उपायों के उपयोग को लेकर किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक इस देश की 36 फीसदी युवतियां 24 से 29 साल के बीच ही पहली बार सेक्स संबंध बनाती हैं। यही नहीं, यहां युवतियों के शादी की औसत उम्र भी बढ़ रही है। वर्ष 1971 में जहां यहां की लड़कियां की शादी की औसत उम्र 22 साल थी, वहीं 2011 में यह 26 वर्ष हो गई है।
FPAI एवं FOGSI ने किया गहरा सर्वे
यह सेक्स सर्वे कई देशों में यौन व्यवहार व गर्भनिरोध साधनों के प्रयोग को लेकर किया गया। बायर हेल्थ केयर के सौजन्य से फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FPAI) और फेडरेशन ऑफ ऑब्सटेट्रिक एंड गाइनोकोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया (FOGSI) द्वारा किए गए इस सर्वेक्षण से प्राप्त परिणाम पर डालते हैं एक नजर-
- भारत में 36 प्रतिशित युवतियां पहली बार 24 से 29 साल की उम्र के बीच सेक्स करती हैं। पहली बार भारत में सेक्स करने की उम्र से जुड़ा यह आंकड़ा अन्य देशों के मुकाबले अधिक था।
- 48 प्रतिशत महिलाएं पहली बार 24 साल से 27 साल की उम्र के बीच गर्भवति हुईं।
- 29 प्रतिशत युवक व युवतियों ने कहा कि उन्होंने जीवन में कम से कम एक बार असुरक्षित सेक्स जरूर किया है।
- 23 प्रतिशत ने यह बताया कि अपने पहले सेक्स के दौरान उन्होंने गर्भ निरोधक का इस्तेमाल नहीं किया
- सर्वे से में यह भी पता चला कि 13 प्रतिशत पुरुष गर्भ ठहरने से बचने के लिए सेक्स के दौरान महिला साथी या पत्नी की योनि से बाहर अपने वीर्य का स्खलन करते हैं। हालांकि यह तरीका बिलकुल भी भरोसेमंद नहीं है।
- 55 प्रतिशत स्त्रियों के मुताबिक पहली बार संभोग के दौरान उनके पुरुष साथी ने कंडोम का इस्तेमाल किया था।
- सर्वे में शामिल 51 प्रतिशत लोगों ने बताया कि वो गर्भ निरोधन के लिए पुरुष कंडोम पर निर्भर रहते हैं।
- सर्वे में शामिल अधिकांश महिलाओं ने परिवार नियोजन के लिए पुरुष कंडोम को सबसे भरोसेमंद और कारगर उपाय बताया।
- सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक गर्भ निरोधक गोलियां गर्भ ठहरने से बचाने के लिए सबसे कारगर उपाय हैं और यह 99 प्रतिशत तक सफल होती हैं।
- सर्वे में शामिल 42 प्रतिशत महिलाओं ने गर्भ ठहरने से बचने के लिए रोजाना गर्भ निरोधक गोली का सेवन करना स्वीकार किया। वहीं 28 प्रतिशत ने बताया कि वो इंट्रा यूटरीन डिवाइस (आईयूडी) का इस्तेमाल करती हैं।
- सर्वे में शामिल मात्र 52 फीसदी लोगों ने कहा कि सेक्स के दौरान गर्भ निरोधन के लिए दोनों ही साथियों की जिम्मेदारी बनती है। 20 फीसदी पुरुषों ने कहा कि गर्भ निरोधन के लिए दोनों में से कोई जिम्मेदार नहीं है।
- सर्वे में शामिल 28 प्रतिशत महिलाओं ने पिछले एक साल के भीतर कम से कम एक बार इमरजेंसी कंट्रासेप्शन पिल लेना स्वीकार किया।
किन-किन देशो में किया गया सर्वेक्षण
यह सर्वे एशिया के आठ देशों में 20 से 35 साल के स्त्री पुरुषों के बीच किया गया। इसमें भारत सहित चीन, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, थाइलैंड, मलेशिया, सिंगापुर और ताइवान के युवाओं को शामिल किया गया।
निष्कर्ष
एफओजीएसआई के अध्यक्ष डॉ. पी के शाह के मुताबिक, ‘मुझे लगता है कि भारत में सेक्स शिक्षा की सख्त जरूरत है क्योंकि अभी भी यहां के लोग गर्भनिरोध के लिए ऐसे तरीकों की बात करते हैं जो कतई भरोसेमंद नहीं है। कई तो गर्भ निरोधक उपायों की जरूरत ही नहीं मानते जबकि कई अनचाहे गर्भ से बचने के लिए आपातकालीन गर्भ निरोधक गोली और अबॉर्शन जैसे खतरनाक उपायों पर निर्भर रहते हैं।’