महिलाएं शरीर से जुड़ी ऐसी कई बाते होती हैं जिनके बारे में सुनकर लोग दंग रह जाते है। इस आर्टिकल में हम आज महिलाओं की सेक्सुअलिटी और कामुकता से जुड़ी बातें जानेगे|
जानिए ऑर्गेज्म के दौरान महिला का दिमाग कैसे काम करता है सामान्य तौर पर एक महिला के दिमाग में भावानात्मक तनाव के साथ ही यौन इच्छा जैसी कई चीजें होती है जो एक साथ चल रही होती हैं। ऐसी ही कई बाते हैं जो महिलाओं के दिमाग में चलती हैं और इन बातों से उनके शरीर से जुड़े दिलचस्प तथ्यों के बारे में खुलासा होता है।
आइए जानते है ऐसे ही महिलाओं की सेक्सुअलिटी से जुड़े दिलचस्प तथ्यों के बारे में
डिलीवरी के बाद ऐसे ले संभोग का आनंद…
अध्ययन में खुलासा हुआ है कि महिलाएं जितना ज्यादा ऑर्गेज्म का अनुभव करती है, उतना ही उन्हें पीरियड के दौरान दर्द कम होता है।
महिलाओं का किल्टोरिस उनके पूरे जीवनकाल के दौरान विकसित होते रहता है। जब तक कि वो मेनोपॉज की स्थिति में न आ जाएं। टीनएज की तुलना में इसका आकार मेनोपॉज आने तक तीन गुना बढ़ जाता है।
जादातर लोगो का मानना है की हायमन का वेर्जेनिटी या वर्जिन होने से सीधा रिलेशन होता है लेकिन हायमन के फटने या ना फटने से वर्जनिटी का कुछ लेना देना नहीं होता है। यह दैनिक गतिविधि जैसे दौड़ना भागना और हॉर्स राइडिंग लम्बी कुंद आदि वजह से भी फट जाती है।
एक महिला के शरीर में अंडे बनने में 24 से 48 घंटे का समय लगता है, जबकि पुरुष का स्पर्म महिला के शरीर में में 48 घंटे तक ही जीवित रह सकता है।
औरत दूसरे सीजन की तुलना में गर्मियों में सेक्स करना ज्यादा प्रिफर करती है। यह मौसम की खुश्बू की वजह से होता है।
किल्टोरिस महिला के शरीर में सि
र्फ एक ही काम करता है सेक्स के दौरान महिलाओं को उतेजित करने का। इसके अलावा इसका कोई दूसरा कार्य नहीं होता है।
अध्ययन में इस बात का खुलासा हो चुका है कि 75 प्रतिशत महिलाएं किल्टोरिस में उतेजना की वजह से ही ऑर्गेज्म तक पहुंच पाती है। दिलचस्प है ना..?
आपको जानकर हैरत होगी लेकिन यह सच है कि जो महिलाएं 40 की उम्र पार कर जाती है। वो महिलाएं 40 से कम उम्र वाली महिलाओं की तुलना में आसानी से ऑर्गेज्म तक पहुंच जाती हैं।
कुछ महिलाएं 2 यूटेरस और 2 वर्जिना के साथ पैदा होती है। ये तब तक उन्हें भी मालूम नहीं चलता है। जब तक उन्हें मासिक चक्र नहीं होता और किसी भी प्रकार की जटिलता सामने नहीं आती है और जब अधिक मात्रा में ब्लीडिंग नहीं होती है।
विश्व में ऐसी कोई भी महिला नहीं है जिसके दोनों ब्रेस्ट का आकार समान हो। एक ब्रेस्ट हमेशा दूसरे ब्रेस्ट की तुलना में बड़ा होता है।