हम आपको आज एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जहां पर भगवान् नहीं बल्कि एक ऐसी चीज़ की पूजा होती है जिसके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे. जिस मंदिर के बारे में हम आपको बता रहे हैं वहां पर लोग भगवान को छोड़कर जानवरों की पूजा करते हैं. जी हाँ… हम बात कर रहे हैं बिहार के वैशाली जिले के राजापाकर प्रखंड के सरसई गांव के बार में जहां पर एक ऐसा मंदिर बना हुआ हैं जहाँ पर भगवान नहीं बल्कि जानवर पूजे जाते हैं.
आपको ये जानकर हैरानी होगी की इस मंदिर में लोग चमगादड़ की पूजा करते हैं. जी हाँ… दरअसल यहाँ के लोगों का ऐसा मानना है कि यहाँ पर चमगादड़ ही हैं जो उनकी रक्षा करते हैं इस वजह से उनकी पूजा करना स्वाभाविक हैं. मान्यता के अनुसार यहाँ पर चमगादड़ों का वास केवल इस वजह से हैं ताकि वह उनकी रक्षा कर सके. ऐसा कहा जाता है कि जहाँ चमगादड़ों का वास होता हैं वहां कभी भी धन की कमी नहीं होती हैं और साथ ही लोग सुरक्षित रहते हैं.
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आपको बता दें कि इस गांव का निर्माण साल 1402 में हुआ था. गांव के निर्माण के बाद से ही यहाँ पर चमगादड़ों का वास हैं और लोगों का मानना हैं कि चमगादड़ यहाँ उनकी रखा के लिए रहते हैं. सबसे ख़ास बात तो यह हैं कि इस गाँव के हर एक व्यक्ति को यहाँ रहने वाली चमगादड़ जानते हैं और अगर को अनजान व्यक्ति यहाँ आता हैं तो वह उसे आने नहीं देते, उसके आते ही वह जोर-जोर से चिल्लातें हैं.