धोनी की कप्तानी में भारत ने सभी फॉर्मेट में पहला स्थान हासिल किया था। उनकी कप्तानी में भारत दिसंबर 2009 से 18 महीने तक टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर रहा। टीम ने 2011 में वनडे वर्ल्ड कप जीता और 2007 में उन्हीं की कप्तानी में पहला टी20 वर्ल्ड कप का खिताबा जीता। मध्यक्रम के बेहतरीन बल्लेबाज सफल कप्तान और उम्दा फिनिशर शायद ही भारत को कोई दूसरा कैप्टन कूल मिले।
एमएस धोनी को क्रिकेट की दुनिया में किसी परिचय की जरूरत नहीं है। वह अपने अंतरराष्ट्रीय और आईपीएल के दिनों में मैदान पर अपने शांत और कप्तानी के लिए जाने जाते हैं। 15 अगस्त 2020 को धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करते हुए एक शानदार युग को समाप्त किया था। हालांकि, इसके साथ ही एक नए युग की कहानी भी शुरू हुई जिसे कोहली और रोहित ने आगे बढ़ाया।
रेलवे स्टेशन पर टिकट कलेक्टर के रूप में काम करने से वह भारत के सबसे बड़े ट्रॉफी कलेक्टर में बदल गए। उनकी कप्तानी में भारत ने तीन अलग-अलग आईसीसी ट्रॉफी अपने नाम की। एमएस धोनी ने साल 2024 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की और क्रिकेट में मैच फिनिशर और बिग हिटर के रूप में अपना नाम बनाया। समय के साथ यह आक्रामकता कम पड़ी और अद्भुत रणनीतिकार ने जगह ले ली।
फैंस के दिलों पर है राज
मैदान पर अपनी रणनीति से धोनी ने भारत को कई मैच जीत दिलाई। इससे वह क्रिकेट फैंस के दिलों पर एकक्षत्र राज करने लगे। चेन्नई सुपर किंग्स के फैंस ने उन्हें ‘थाला’ की उपाधि दे दी। धोनी ने भारत के लिए 98 टी20I खेले हैं। टेस्ट क्रिकेट में धोनी ने 224 रन का अपना सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाया है। वह सभी युगों में भारत के सबस सफल कप्तानों में से एक हैं।
ट्रॉफी कलेक्टर बने धोनी
वह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्टेलिया को वाइटवॉश करने वाले एकमात्र भारतीय कप्तान भी हैं। उन्होंने ऐसा 2010-11 और 2012-13 सीरीज में किया था। क्रिकेट फैंस के पसंदीदा माही ने 72 टी20I में भारत का नेतृत्व किया, जिसमें 27 जीते और 28 मैच में गंवाए हैं। आईसीसी ट्रॉफी के अलावा धोनी ने अपनी कप्तानी में सीएसके को पांच बार आईपीएल की ट्रॉफी दिलाई है।