NCRB Report 2018: हरियाणा में मानव तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही। खासकर किशोरियों और युवतियों को या तो जबरन वेश्यावृत्ति में धकेला जा रहा या जबरन शादी की जा रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के मुताबिक वर्ष 2018 में हरियाणा में मानव तस्करी के कुल 34 केस सामने आए जिनमें 29 किशोरी और युवतियां हैं।
विधानसभा में भी मानव तस्करी का मुद्दा उठ चुका है। NCRB की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 18 वर्ष से कम उम्र वाली 23 नाबालिग लड़कियों और तीन लड़कों को मानव तस्करों ने अपना शिकार बनाया। इसी अवधि में 18 साल से ऊपर की छह युवतियों और दो युवकों की तस्करी की गई। पुलिस जांच में सामने आया है कि जिन लड़कियों की तस्करी की गई है, उनमें अधिकतर को देह व्यापार के धंधे में धकेला गया या फिर उनकी मर्जी के खिलाफ शादी की गई। किशोर और युवकों को घरेलू नौकर या बंधुआ मजदूर बना दिया गया तो छोटे बच्चों को भिखारी।
हरियाणा पुलिस ने इस दौरान 30 लड़के-लड़कियों को मानव तस्करों से बचाया भी। इनमें 18 वर्ष से कम उम्र की 22 लड़कियां और दो लड़के शामिल हैं। इन लड़कियों को जबरन अनैतिक कार्यों में धकेलने की तैयारी थी। मानव तस्करी में पुलिस ने 70 आरोपितों को गिरफ्तार कर 65 के खिलाफ चार्जशीट फाइल की। अदालत द्वारा केवल एक व्यक्ति को दोषी करार देकर सजा सुनाई गई, जबकि 15 आरोपित रिहा हो गए।
बता दें, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा नशे के मामले में भयावह स्थिति में है। राज्य नशे के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर पांचवें स्थान पर पहुंच गया है, जबकि जहरीली शराब से मौत के मामले में तीसरे नंबर पर। ड्रग्स के कारण हरियाणा में जहां 86 लोग मारे गए, वहीं नकली शराब से 162 की मौत हो गई।
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