अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप की लिखित शिकायत मिलने पर निलंबित वन दरोगा विजय कुमार को पांच दिन बाद ही बहाल कर दिया गया है। निलंबित करने के बाद तत्कालीन ड्यूटी पिंजोर से हटाकर उन्हें जिला पलवल स्थित हेडक्वार्टर शिफ्ट कर दिया गया था। अब अधिकारियों की कार्यशैली देखिए पांच दिन में बहाल करने के बाद हेडक्वार्टर से दरोगा की वापसी पिंजोर में कर दी जबकि तर्क दे रहे हैं कि अब मामले की गहनता से जांच के आधार पर कार्रवाई होगी।
18 सितंबर 2025 को अंबाला के धूलकोट निवासी सुनील कुमार ने विभागीय अधिकारियों सहित वन मंत्री को शिकायत भेजी थी। शिकायत में वन दरोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार व अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए गए। शिकायत में आरोपों की गंभीरता को देखते हुए 29 सितंबर 2025 को विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन बल प्रमुख) की तरफ से निलंबित कर हेडक्वार्टर भेज दिया गया।
निलंबित होने से पहले वन दरोगा विजय की तैनाती प्रशिक्षण विभाग पिंजोर में थी। हालांकि अब प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन बल प्रमुख) विनीत गर्ग के मुताबिक अब विजय की ड्यूटी पिंजोर में सीड(बीज) विंग में लगी है।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि 27 मार्च 2023 को एंटी करप्शन की टीम ने वन दरोगा विजय कुमार को एक लाख रुपये रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया था। विजय के खिलाफ अभी तक मामला लंबित है। इसके बावजूद वह पब्लिक डिलिंग वाली जगह पिंजोर के ट्रेनिंग सेंटर में नियुक्त हैं। इसी मामले में रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर ट्रेनिंग और उपवन संरक्षक ट्रेनिंग के खिलाफ भी शिकायत दी गई है।
शिकायत में आरोप लगाए गए हैं कि विजय कुमार ने सरकारी नीतियों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए वित्तीय लाभ प्राप्त किया। विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए न केवल तत्काल निलंबन किया बल्कि उनके कार्य क्षेत्र और हेडक्वार्टर में बदलाव भी किया।
अधिकारी से पूछे गए यह सवाल
निलंबन के बाद पांच दिन के अंदर बहाली किस आधार पर की गई जबकि अभी तक मामले की जांच भी नहीं हुई थी। इसके अतिरिक्त बहाली के बाद दोबारा उसी दफ्तर में तैनाती कैसे दी गई जहां उसके खिलाफ भ्रष्टाचार व अनियमिताओं के आरोप लग चुके हैं। चाहे उसका विंग अलग हो। अब तक मामले की जांच क्यों नहीं शुरू की गई?
इसी तरह मामले में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन बल प्रमुख) विनीत कुमार से पूछा गया कि एक दरोगा पर कई नियमों को ताक पर रखकर इस तरह की मेहरबानी क्यों दिखाई जा रही है। इस पर विनीत कुमार ने जवाब दिया कि मेहरबानी वाली कोई बात नहीं है। इस मामले की जांच करके कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, पांच दिन में किस तरह बहाल किया गया उन्होंने इस सवाल का जवाब नहीं दिया।