एआइएमआइएम चीफ व हैदराबाद के सांसद असदउद्दीन ओवैसी ने कहा कि एनआरसी और सीएए जैसे काले कानून को लेकर हमारी लड़ाई मोदी सरकार से है। सरकार इस कानून को लागू कर देश के अंदर फूट डालना चाहती है। अवैसी रविवार को किशनगंज के रुईधासा मैदान में ‘संविधान बचाओ, देश बचाओ’ रैली को संबोधित कर रहे थे।
रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार के एक एक मुसलमानों ने आजादी की लड़ाई में कुर्बानियां दी थीं। वर्तमान सरकार एनआरसी और सीएए को लागू कर हिंदू और मुसलमानों के बीच फूट डालना चाहती है, लेकिन हम लोग सरकार के मनसूबे को कामयाब नहीं होने देंगे।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर पीएम मोदी को देश के मुसलमानों से इतनी नफरत क्यूं है? क्या वे देश की तरक्की में बराबर के हिस्सेदार नहीं हैं? बाबा साहेब ने संविधान लागू करते समय इस बात का जिक्र किया था कि यह देश किसी एक खास मजहब के लोगों का नहीं, बल्कि सभी हर मजहब को मानने वाले लोगों का होगा।
मोदी सरकार इन कानून को के माध्यम से बाबा साहेब और डॉ राजेंद प्रसाद के सपनों को तोड़ रही है। ये मसला केवल मुसलमानों के लिए नहीं है, बल्कि यह सभी 130 करोड़ लोगों का मसला है। इस पर हम लोगों को गंभीरता से विचार करना चाहिए।
ओवैसी ने कहा कि मुझे नीतीश, लालू, राहुल या मोदी किसी से डर नहीं लगता है। डर की बुनियाद पर हम खड़े नही हुए हैं। हम लोग आज यहां संविधान और देश की रक्षा के लिए खड़े हुए हैं।
क्योंकि देश को नुकसान पहुंचाना यानी हमें नुकसान पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि असम में इस कानून के तहत बांग्ला भाषा बोलने वाले पांच लाख लोगों को डिटेंशन कैंपों में रखा गया है।