सांस थाम देने वाले मुकाबले में भारतीय टीम ने न सिर्फ चौथा टी-20 जीता बल्कि सीरीज भी बचा ली। अब श्रृंखला का अंतिम और निर्णायक मैच 20 मार्च को नरेंद्र मोदी स्टेडियम में ही खेला जाएगा। वैसे तो मैच में दोनों ही दल के खिलाड़ियों ने दमदार खेल दिखाया, लेकिन यह मुकाबला घटिया अंपायरिंग के लिए याद रखा जाएगा।
अंपायर्स ने भारतीय पारी के दौरान दो विवादित फैसले लिए, जो अंत में किसी भी टीम के पक्ष में जा सकते थे। इंग्लैंड को आठ रन से हराने के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भड़ास निकाली। मैच के बाद उन्होंने आईसीसी के नियम पर भी सवाल उठाए। बकौल कोहली, ‘आखिर जब फील्डर खुद ही कैच पकड़ने को लेकर आश्वस्त नहीं है तो मैदानी अंपायर ने सॉफ्ट सिग्नल आउट क्यों दिया।
कोहली ने कहा, ‘टेस्ट सीरीज के दौरान अजिंक्य रहाणे ने कैच पकड़ा था, लेकिन वह पूरी तरह आश्वस्त नहीं थे। करीबी मामलों में सॉफ्ट सिग्नल की भूमिका काफी अहम हो जाती है, क्योंकि इसी से अंतिम फैसला तय होता है। जब फिल्डर बता सकता है कि उसे कैच को लेकर पूरा विश्वास नहीं है तो अंपायर्स के लिए भी ऐसा होना चाहिए क्योंकि बाउंड्री पर क्या घट रहा है यह देख पाना संभव ही नहीं है। हम मैदान पर हर फैसले में स्पष्टता चाहते हैं।’
अपने डेब्यू मैच में ही फिफ्टी ठोकने वाले सूर्यकुमार यादव और वाशिंगटन सुंदर के विकेट चर्चा का विषय बने हुए हैं। 30 गेंद में ताबड़तोड़ 57 रन बना चुके सूर्या ने अपनी 31वीं गेंद पर स्विप शॉट खेला, जिसे डेविड मलान ने कैच कर लिया। हालांकि रिप्ले में नजर आ रहा था कि गेंद शायद जमीन को छू गई है, लेकिन थर्ड अंपायर वीरेंद्र शर्मा ने सॉफ्ट सिग्नल के आधार पर ‘सबूतों के अभाव में’ बल्लेबाज को आउट करार दे दिया।
इसके बाद आखिरी ओवर लेकर आए जोफ्रा आर्चर की शॉर्ट बॉल पर वाशिंगटन सुंदर ने अपर कट खेला जिसे थर्ड मैन बाउंड्री पर आदिल रशीद ने पकड़ लिया। यहां भी रिप्ले में स्पष्ट नजर आ रहा था कि फिल्डर का पैर बाउंड्री को छू रहा है, लेकिन थर्ड अंपायर ने मैदानी अंपायर के फैसले को सही ठहराया और भारत ने अपना आठवां विकेट खोया।