देश के आठ राज्यों में सबसे ज्यादा कोरोना वायरस से होने वाली मौतें रिपोर्ट की जा रही हैं। सरकार द्वारा जारी डाटा से इसकी जानकारी मिली है। रविवार को देशभर में कोविड-19 से 444 मरीजों की मौत हुई। इस तरह देशभर में कोविड-19 से होने वाली मौतों की संख्या बढ़कर 1,37,173 हो गई।

कोरोना वायरस से होने वाली 71 फीसदी मौतें दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, पंजाब, केरल, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में रिपोर्ट की गईं। रविवार को सबसे ज्यादा मौतें महाराष्ट्र में हुईं, जहां 81 मरीजों ने जान गंवाई। इसके बाद दिल्ली में 68 और पश्चिम बंगाल में 54 मौतें रिपोर्ट की गईं। आठ राज्यों में शामिल इन तीन राज्यों में सबसे अधिक कोरोना से मौतें रिपोर्ट हुई हैं।
वहीं, सरकार द्वारा जारी डाटा से पता चलता है कि कम से कम 22 राज्यों में कोरोना से होने वाली मृत्यु दर (सीएफआर) राष्ट्रीय औसत से भी कम है। वर्तमान में राष्ट्रीय सीएफआर 1.45 फीसदी है। सीएफआर से अभिप्राय कुल पॉजिटिव मामलों में से मरने वाले लोगों की संख्या से है।
भारत का सीएफआर लगातार नीचे गिर रहा है। जो वायरस के खिलाफ जंग में एक सकारात्मक संकेत है। तीन महीने पहले अगस्त में राष्ट्रीय सीएफआर 1.98 फीसदी था। वहीं, अब यह घटकर 1.45 फीसदी पर आ गया है। भारत में प्रति 10 लाख लोगों में कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या भी वैश्विक रूप से कम है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार सुबह ट्वीट कर कहा, कम और प्रबंधनीय मृत्यु दर सुनिश्चित करने के लिए अपनाए गए ध्यान केंद्रित उपायों के परिणामस्वरूप दैनिक मृत्यु दर 500 से कम हो गई है। वहीं, भारत ने कोरोना परीक्षण की क्षमता में भी वृद्धि की है। वर्तमान में 10 लाख की आबादी पर एक लाख लोगों की कोरोना जांच की जा रही है।
पिछले तीन महीनों में भारत में औसतन हर दिन दस लाख कोरोना जांच की जा रही है। भारत में कोरोना जांच का जिम्मा संभालने वाले संस्थान भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने देशभर में कोविड जांच के लिए 2,165 प्रयोगशालाओं को मंजूरी दी है। इन सभी प्रयोगशालाओं में, 1,175 प्रयोगशालाएं सरकारी हैं और 990 निजी प्रयोगशालाएं हैं।
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