घंटों बैठे रहना, तला-भुना खाना और नींद की कमी जैसे कई कारणों से आजकल फैटी लिवर की समस्या तेजी से बढ़ रही है। फैटी लिवर की समस्या तब होती है, जब लिवर के सेल्स में फैट जमा होने लगता है। इसके कारण लिवर ठीक से फंक्शन नहीं कर पाता। लेकिन सबसे खतरनाक बात यह है कि इसका जल्दी पता नहीं लग पाता है।
जी हां, फैटी लिवर के लक्षण इतने सामान्य होते हैं, कि ज्यादातर लोगों का ध्यान इन पर तब तक नहीं जाता, जब तक परेशानी काफी बढ़ नहीं जाती। लेकिन क्या आप जानते हैं फैटी लिवर के कुछ लक्षण हमारी स्किन पर भी दिखाई देते हैं, जिनकी मदद से इस समस्या का जल्दी पता लगाया जा सकता है। आइए जानें फैटी लिवर होने पर स्किन पर कैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
बिना एलर्जी या रैश के लगातार खुजली
त्वचा पर लगातार खुजली होना लिवर की समस्या का एक आम लक्षण हो सकता है। यह खुजली आमतौर पर किसी रैश या एलर्जी के बिना होती है। जब लिवर पित्त को ठीक से बाहर नहीं निकाल पाता, तो बाइल सॉल्ट्स ब्लड में जमा हो जाते हैं और त्वचा के नीचे जमा होकर खुजली पैदा करते हैं। यह खुजली अक्सर रात में बढ़ जाती है।
त्वचा और आंखों का पीला होना
पीलिया फैटी लिवर या लिवर की किसी भी गंभीर बीमारी का एक क्लासिक संकेत है। इसमें त्वचा, आंखों का सफेद भाग और नाखून पीले दिखाई देने लगते हैं। यह तब होता है जब लिवर बिलीरुबिन को ब्लड से ठीक से प्रोसेस नहीं कर पाता है, जिससे वह शरीर में जमा होने लगता है। चेहरे पर भी हल्का पीलापन या रंगत में बदलाव दिख सकता है।
गर्दन या बगल में डार्क पैचेस
त्वचा पर गहरे, मखमली धब्बे दिखाई देना, खासकर गर्दन के पिछले हिस्से या बगलों में, जिसे एकेन्थोसिस नाइग्रिकन्स कहा जाता है, इंसुलिन रेजिस्टेंस का संकेत हो सकता है। फैटी लिवर वाले कई लोगों में अक्सर इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या होती है, जिसके कारण ये गहरे धब्बे दिखाई देते हैं। यह इंसुलिन रेजिस्टेंस फैटी लिवर डिजीज को और बढ़ा सकती है।
हथेलियों का लाल होना
पामर एरिथीमा एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें आपकी हथेलियां असामान्य रूप से लाल और गर्म हो जाती हैं, खासकर अंगूठे और छोटी उंगली के नीचे के क्षेत्र में। यह रेडनेस हार्मोनल इंबैलेंस के कारण हो सकती है, जिसे आमतौर पर लिवर कंट्रोल करता है। जब लिवर ठीक से काम नहीं करता है, तो हार्मोन का लेवल बिगड़ जाता है, जिससे हथेलियों में ब्लड वेसल्स फैल जाती हैं और वे लाल दिखने लगती हैं।
स्पाइडर वेन्स
चेहरे, छाती या बाजुओं पर मकड़ी के जाले जैसी महीन, रेड ब्लड वेसल्स का नेटवर्क दिखाई देना स्पाइडर एंजियोमास या स्पाइडर वेन्स कहलाता है। ये छोटे-छोटे रेड डॉट्स होते हैं जिनके बीच से पतली रेखाएं बाहर की ओर निकलती हैं। लिवर की गंभीर खराबी में हार्मोनल बदलाव के कारण ब्लड वेसल्स के फैलाव से यह परेशीन होती है।
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