भारतीय निवेशकों को अब बाजार मध्यस्थों के पूर्व रिटर्न का स्वतंत्र और प्रमाणित विवरण उपलब्ध होगा। बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को पास्ट रिस्क एंड रिटर्न वेरिफिकेशन एजेंसी (PaRRVA) की शुरुआत की। यह वैश्विक स्तर पर अपनी तरह की पहली पहल बताई जा रही है, जिसका उद्देश्य वित्तीय बाजार में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाना है। इसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और केयरएज रेटिंग्स के साथ साझेदारी में लॉन्च किया गया है।
सेबी अध्यक्ष ने क्या कहा?
PaRRVA निवेश सलाहकारों (आईए), अनुसंधान विश्लेषकों (आरए) और अन्य पंजीकृत बाजार मध्यस्थों द्वारा किए जाने वाले पिछली कमाई के दावों को मानकीकृत ढांचे के तहत सत्यापित करेगा। सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने कहा कि यह कदम उन बढ़ते मामलों को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है, जिनमें बिना पंजीकरण वाले बाजार पात्र अवास्तविक और अतिरंजित रिटर्न दिखाकर निवेशकों को प्रभावित करते हैं।
नियमों में बड़ी राहत
मौजूदा नियमन के तहत सेबी-पंजीकृत मध्यस्थ अपने वास्तविक पिछले रिटर्न निवेशकों को पेश नहीं कर सकते थे, जबकि अनियमित खिलाड़ी बिना किसी सत्यापन के ऊंचे रिटर्न का प्रचार कर रहे थे। इससे निवेशकों में भ्रम और असंतुलन पैदा हो रहा था। PaRRVA इस बंदिश को हटाते हुए पंजीकृत संस्थाओं को प्रमाणित प्रदर्शन दिखाने की सुविधा देगा।
निवेशकों में जानकारी की कमी
सेबी के हालिया सर्वेक्षण में संकेत मिला है कि केवल 36% निवेशक ही पर्याप्त बाजार ज्ञान रखते हैं। 62% संभावित निवेशक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स पर निर्भर हैं, जबकि 23% बिना जोखिम समझे त्वरित लाभ के पीछे भागते हैं। ऐसे में सत्यापित प्रदर्शन डेटा निवेश सुरक्षा के लिए अहम माना जा रहा है।
भारत दावों के सत्यापन के लिए स्वतंत्र तंत्र स्थापित करने वाला पहला देश
पांडे ने कहा कि कई देशों में बिना सत्यापन वाले रिटर्न विज्ञापनों पर चिंता तो जताई गई है, लेकिन भारत पहला देश है जिसने दावों के सत्यापन के लिए स्वतंत्र तंत्र स्थापित किया है। उन्होंने PaRRVA को पारदर्शिता, जवाबदेही और निवेशक संरक्षण का वैश्विक मानक बताया।
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