सेना में महिलाओं का समावेश अच्छी प्रगति कर रहा है। सेना उन महिला अधिकारियों को पेंशन देने के पक्ष में है, जिन्होंने सेवा शर्तों को पूरा किया है। इसकी जानकारी सेना सूत्रों द्वारा दी गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, महिला अधिकारियों को संगठन द्वारा सभी उपयुक्त असाइनमेंट दिए जाएंगे।
सेना में विभिन्न सौंपी गई भूमिकाओं में महिलाओं के सुचारु एकीकरण की दिशा में सभी निर्णय व्यक्तियों और संगठन के हित में लिए जाएंगे। जानकारी के लिए बता दें कि सेवारत महिला अधिकारियों ने महिलाओं को उनकी शारीरिक सीमाओं के आधार पर कमान पद देने से इनकार करने के केंद्र के सुप्रीम कोर्ट में उल्लेखित रुख का विरोध किया है।
महिला अधिकारियों ने अदालत में दी लिखित शिकायत में केंद सरकार के इस रुख को खारिज करने का अनुरोध किया है। साथ ही महिला अधिकारियों ने कहा कि वे 10 कॉम्बैट सपोर्ट आर्म्स में पिछले 27 से 28 वर्षों से सेवारत हैं और उन्होंने अपनी शूरता और साहस को साबित किया है। महिला अधिकारियों ने ये भी दलील दी है कि 1992 में महिलाओं को पहली बार भारतीय सेना में शामिल किए गया है।
उसी के बाद से महिलाओं को किसी भी विज्ञापन या नीतिगत फैसलों में महिला अधिकारियों को केवल कर्मचारी नियुक्तियों तक ही सीमित रखने का कभी कोई उल्लेख नहीं किया गया है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने पांच फरवरी को हुई सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और महिला अधिकारियों और रक्षा मंत्रालय को अपने लिखित रिपोर्ट देने को कहा था।