कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा दिया है. कोई अगर इस जानलेवा वायरस का शिकार हो रहा है तो कोई लॉकडाउन के चलते भुखमरी से जूझ रहा है.

इस संकट की घड़ी में हर कोई मदद को आगे आया है. सरकार तो सहयोग कर ही रही है, दूसरे लोग भी योगदान दे रहे हैं. इस बीच फिल्ममेकर सुभाष घई ने एक सलाह दी है. उन्होंने देश के मंदिरों से 90 प्रतिशत सोना दान करने की अपील की है.
सुभाष घई ने ट्विटर पर एक ट्वीट के जरिए ये सवाल उठाया है कि इस संकट की घड़ी में मंदिर अपना सोना दान क्यों नहीं कर देते. सुभाष ट्वीट कर कहते हैं- क्या भगवान के मंदिर जाने का ये ठीक समय नहीं है.
जितने भी अमीर मंदिर हैं और जिनके पास काफी सोना है, उन्हें खुद आगे आकर सरकार को अपना 90 प्रतिशत सोना सरेंडर कर देना चाहिए जिससे उन गरीबों की मदद हो सके जो मुश्किल में है. मंदिर को भी तो ये सब लोगों ने भगवान के नाम पर दिया है. सुभाष घई ने अपने ट्वीट में PMO को भी टैग कर दिया है
अब सुभाष घई के इस ट्वीट पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. ये तो नहीं कहा जा सकता है कि फिल्ममेकर को इस सुझाव के लिए सपोर्ट किया जा रहा है.
लेकिन कुछ लोगों उन्हें ट्रोल करना जरूर शुरु कर दिया है. किसी ने धर्म का एंगल लाने की कोशिश की है तो किसी ने सुभाष घई से खुद डोनेट करने को कहा है.
एक यूजर ट्वीट करते हैं- आप देश को बांट क्यों रहे हैं. आपने खुद कितनों की मदद की है. मस्जिद, मंदिर, चर्च, ये लोगों को मन की शांति देने के लिए बने हैं.
इनके नाम पर गंदी राजनीति नहीं की जाए. दूसरे यूजर लिखते हैं- सर सवाल ये है कि सिर्फ मंदिर ही क्यों. सभी धार्मिक संस्थानों से ये अपील क्यों नहीं की जाती.
ऐसा करते हैं, बॉलीवुड को अपनी 90 प्रतिशत दौलत दान करने देते हैं पहले क्योंकि उन्हें भी तो पैसा देश की जनता से ही मिलता है. आपको खुद उदाहरण सेट करना चाहिए.
बता दें कि ये सारा विवाद कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण के एक ट्वीट के बाद शुरू हुआ था. 13 मई को पृथ्वीराज चव्हाण ने एक ट्वीट कर सरकार से अपील की थी कि वो देश के सभी धार्मिक ट्रस्टों के पास पड़े सोने का तुरंत इस्तेमाल करे.
पृथ्वीराज के इस ट्वीट के बाज राजनीति काफी गरमा गई थी और बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला बोल दिया था. अब फिल्ममेकर सुभाष घई ने भी ट्वीट कर कुछ ऐसी ही मांग कर दी है.
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