मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) में दीप जलाकर बतौर कुलाधिपति नए शैक्षणिक सत्र का शुभारंभ किया। इससे पहले उन्होंने साइकिल योजना की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने यहां पर बने विशाल ऑडिटोरियम में छात्र-छात्राओँ को संबोधित किया। ऑडिटोरियम में जीबीयू के 2500 विद्यार्थियों थे, जिनमें 150 विदेशी विद्यार्थी भी शामिल थे। कार्यक्रम में शामिल होने वाले छात्रों और अन्य लोगों को प्रशासन की तरफ से अस्थाई पहचान पत्र जारी किए गए थे। इस दौरान उन्होंने छात्र-छात्राओं को प्रेरणादायक बातें बताई तो राजनीतिक विरोधियों पर कड़े प्रहार भी किए। करीब एक घंटे के संबोधन में मुख्यमंत्री ने युवाओं में नई ऊर्जा व जोश का संचार किया।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि देश में अनेक परंपराएं हैं। अनेक प्रकार के रीति रिवाज हैं और कई धर्मों के अनुयाई देश में रहते हैं। यहां पर सब बराबर हैं, किसी पर यह दबाव नहीं है कि उसे किस धर्म का अनुयाई बनना है। भारत ने दुनिया को ज्ञान दिया है कि हम किसी को मजहब, संप्रदाय, धर्म के नाम पर बांधकर नहीं रखते।भारत में हर व्यक्ति को अपनी इच्छा के हिसाब से धर्म और पूजा करने की स्वतंत्रता है।
सीएम योगी ने छात्र-छात्राओं से मुखातिब होने के दौरान कहा कि नैतिक मूल्यों का अनुसरण करना चाहिए, इससे जीवन में सफलता मिलती है। महात्मा बुद्ध का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बुद्ध की शिक्षा हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। बौद्ध शिक्षा को ग्रहण कर आगे बढ़ने का मार्ग मिलेगा। गौतम बुद्ध ने दुनिया को शांति का संदेश दिया। बुद्धि और विवेक नहीं होगा तो शातिरों के जाल में फंस जाएंगे। इसलिए बुद्धि और विवेक होना जरूरी है। दुनिया आतंकवाद से झुलस रही है और भारत के पास बहुत कुछ है दुनिया को देने के लिए। बुद्ध के मार्ग पर चल कर आतंकवाद को खत्म किया जा सकता है।