उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रमुख सचिव को राज्य के मैदानी क्षेत्रों में अतिक्रमण के मामलों को देखने के लिए शासन स्तर पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए।
सीएम धामी ने कहा कि गंगा व अन्य नदियों के किनारे अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाया जाए। उन्होंने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण रोकने के लिए मजबूत तंत्र बनाने और अवैध बिक्री रोकने के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने सरकारी भूमि से अवैध अतिक्रमण को हटाने की समीक्षा की। उन्होंनेे कहा कि पूर्व में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे हटाए जाने की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए थे। इसके अनुपालन के लिए जिलास्तर पर प्रभावी कार्रवाई अमल में लाई जाए।
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जिला स्तर पर सिंचाई, लोक निर्माण, वन विभाग, राजस्व विभाग की टीम बनाकर अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाए जाए। बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव एसएन पांडेय, एडीजी ए.पी.अंशुमान, विशेष सचिव डाॅ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव बंशीधर तिवारी मौजूद रहे।

अतिक्रमण के मामलों को देखने के लिए नोडल अफसर तैनात होगा
सीएम ने प्रमुख सचिव को राज्य के मैदानी क्षेत्रों में अतिक्रमण के मामलों को देखने के लिए शासन स्तर पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने हरिद्वार में गंगा किनारे, रुद्रपुर में कल्याणी नदी किनारे और नैनीताल जिले में कोसी आदि नदियों के किनारों पर भी अवैध अतिक्रमण को रोकने के लिए सख्ती से कार्रवाई करने को कहा।
बाहरी लोगों के सत्यापन के मानक और कड़े हों
सीएम ने सरकारी भूमि को कब्जाने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कूट रचना कर जमीनों के फर्जी दस्तावेज बनाए जाने के मामलों पर भी प्रभावी रोक लगाने के उपाय हों। उन्होंने एडीजीपी एपी अंशुमान को बाहरी लोगों के सत्यापन के लिए नियम और कड़े किए जाने की अपेक्षा जताई। एडीजीपी ने उन्हें अवगत कराया कि सत्यापन के लिए 18 बिंदुओं पर आख्या मांगी जा रही है, जिसका डेटा राज्य स्तर पर भी संकलित किया जा रहा है।
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