सीईटी एग्जाम को लेकर हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला

हरियाणा में कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) की डेट फाइनल हो चुकी है। एग्जाम दो शिफ्टों के 4 सत्रों में होगा। इस बार 13 लाख से अधिक युवा सीईटी का सीईटी का एग्जाम देंगे। एचएसएससी एग्जाम की तैयारियों में जुटा है। इसी बीच सरकार ने सीईटी एग्जाम में नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला लागू करने का फैसला किया।

हरियाणा कर्मचारी आयोग ने नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले को लागू करने को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। दो से ज्यादा शिफ्टों में एग्जाम होने के कारण आयोग ने ये फार्मूला लागू किया है। इसके तहत सभी कैंडिडेट्स के नंबर पेपर की कठिनाई के अनुसार बराबर करने के लिए इस फार्मूले का इस्तेमाल किया जाएगा।

नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले की जरूरत तब पड़ती है, जब कोई एग्जाम एक से ज्यादा शिफ्ट्स में आयोजित की जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि हर शिफ्ट का पेपर अलग हो सकता है, जिससे कुछ छात्रों को आसान और कुछ छात्रों को कठिन पेपर मिल सकता है। नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला, इन अंतरों को दूर करने में मदद करता है और सभी छात्रों को समान स्तर पर आंकने में मदद करता है।

हरियाणा में 2022 में हुए सीईटी एग्जाम के दौरान नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले का विरोध हुआ था। इसके विरोध में युवाओं ने पंचकूला में हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के बाहर धरना तक दिया था। युवाओं की मांग थी कि एक पद के लिए एक ही पेपर हो और पहले की तरह अंकों के आधार पर ही चयन हो।

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