दिल्ली के विभिन्न नाकों पर हजारों की संख्या में किसान 26 नवंबर 2020 से केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इस धरना-प्रदर्शन के दौरान किसानों को तमाम दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है. कड़ाके की सर्दी और बारिश के बीच किसान खुले आसमान के नीचे सड़क पर डटे हुए हैं. हालांकि इस दौरान कई किसान बीमार हुए तो कई की मौत हो गई.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रदर्शन के दौरान किसानों की लगातार हो रही मौत की घटनाओं पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने किसानों की मांग स्वीकार न करने पर केंद्र की मोदी सरकार को असंवेदनशील करार दिया है.
प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ‘सर्द मौसम में दिल्ली बॉर्डर पर बैठे किसान भाइयों की मौत की खबरें विचलित करने वाली हैं. मीडिया खबरों के मुताबिक अभी तक 57 किसानों की जान जा चुकी है और सैकड़ों बीमार हैं. महीने भर से अपनी जायज मांगों के लिए बैठे किसानों की बातें न मानकर सरकार घोर असंवेदनशीलता का परिचय दे रही है.’
प्रियंका गांधी से पहले समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी प्रदर्शन के दौरान किसानों की मौत पर चिंता जताई थी. सिंधु बॉर्डर पर आंदोलन में एक किसान की मौत अखिलेश यादव ने कहा था कि दिवंगत किसान की शहादत बेकार नहीं जाएगी.
असल में, उत्तर भारत में खासकर दिल्ली के आसपास के इलाकों में हाड़ कंपा देने वाली ठंड पड़ रही है. शनिवार को दिल्ली में बारिश भी हुई. सर्दी का आलम यह है कि दिल्ली में कई जगहों पर तापमान एक डिग्री के आसपास तक पहुंच गया था और इस स्थिति में भी किसान प्रदर्शन के लिए डटे हुए हैं.
ऐसे हालात में कई किसान सर्दी का शिकार हुए हैं. गाजीपुर बॉर्डर पर सर्दी के चलते तबीयत खराब होने की वजह से शुक्रवार को गलतान सिंह तोमर नाम के किसान की मौत हो गई. गलतान सिंह तोमर बागपत जिले के मोजिदबाद गांव के रहने वाले थे. उनकी उम्र 65-70 के बीच थी. वह पहले दिन से ही आंदोलन से हिस्सा ले रहे थे.
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