रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के सराय काले खां स्टेशन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। ऐसे में न्यू अशोक नगर से सराय काले खां के बीच नमो भारत ट्रेनों का ट्रायल रन जल्द शुरू होगा। इसके सफल होने के बाद जून अंत तक इसे जनता के लिए शुरू करने की योजना है। इससे सराय काले खां से मेरठ की कम समय में पूरी हो जाएगी। अभी नमो भारत ट्रेन का परिचालन दिल्ली में मेरठ से आनंद विहार और न्यू अशोक नगर तक है।
अधिकारियों ने बताया कि न्यू अशोक नगर और सराय काले खां के बीच ट्रैक का काम पूरा हो चुका है और ओवर-हेड इलेक्ट्रिकल (ओएचई) सिस्टम अपने अंतिम चरण में है। स्टेशन के अग्रभाग और प्रवेश-निकास संरचनाओं के साथ-साथ पिक-अप और ड्रॉप-ऑफ जोन का काम तेजी से चल रहा है। सराय काले खां स्टेशन का डिजाइन मोर के पंख से प्रेरित है। स्टेशन में प्रकाश प्रभाव को बढ़ाने के लिए पॉली कार्बोनेट शीट के साथ एक मोनोक्रोमैटिक नीला मुखौटा बनाया गया है।
स्टेशन को प्राकृतिक वेंटिलेशन और प्रकाश व्यवस्था के लिए डिजाइन किया गया है। यह 215 मीटर लंबा, 50 मीटर चौड़ा और 15 मीटर ऊंचाई का हैै। इसमें 14 लिफ्ट, 18 एस्केलेटर, चार ट्रैक और छह प्लेटफॉर्म हैं। बता दें कि दिल्ली में आरआरटीएस का 14 किलोमीटर लंबा खंड आता है। इसमें सराय काले खां, न्यू अशोक नगर और आनंद विहार स्टेशन शामिल हैं, जिनमें नौ किलोमीटर एलिवेटेड और पांच किलोमीटर भूमिगत हैं।
परिवहन के सभी माध्यमों से होगी कनेक्टिविटी
आरआरटीएस के सराय काले खां स्टेशन पर सड़क व रेल परिवहन के सभी माध्यमों से कनेक्टिविटी होगी। इसके लिए फुटओवर ब्रिज (एफओबी) तैयार किया गया है। इसे अंतरराज्यीय बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और मेट्रो स्टेशन से जोड़ा जाएगा। एफओबी को वीर हकीकत राय आईएसबीटी और हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से जोड़ा गया है। यह 280 मीटर लंबा है।
इसमें छह ट्रैवलेटर बनाए गए हैं। स्टेशन पर एक अलग प्रवेश द्वार बनने से यात्रियों को दिल्ली मेट्रो की पिंक लाइन तक पहुंच प्राप्त होगी। इसके अतिरिक्त, सिटी बस इंटरचेंज सुविधाएं और रिंग रोड तक सीधी पहुंच विकसित की गई है। आरआरटीएस को आईएसबीटी, सिटी बस टर्मिनल, मेट्रो और ऑटो-टैक्सी पार्किंग के साथ एकीकृत करने के लिए एक केंद्रीय इंटरचेंज प्लाजा की योजना बनाई गई है।
अन्य कॉरिडोर के लिए इंटरचेंज की मिलेगी सुविधा
आरआरटीएस के दो अन्य कॉरिडोर की शुरुआत सराय काले खां से ही होगी। ऐसे में यह स्टेशन प्रमुख इंटरचेंज के रूप में भी काम करेगा। गुरुग्राम-अलवर और पानीपत-करनाल कॉरिडोर प्रस्तावित हैं। माना जा रहा है कि जैसे ही दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर का काम पूरा होगा। इसके बाद दूसरे कॉरिडोर काम शुरू हो जाएगा। आप सरकार नमो भारत परियोजनाओं को मंजूरी देने में हीलाहवाली का रवैया अपनाती रही है, लेकिन अब दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में भाजपा सरकार है। ऐसे में इन परियोजनाओं पर तेजी से काम शुरू होने की उम्मीद है।
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