सूचना मिलते ही डीसीपी पहुंचे घटनास्थल
सगाई समारोह में मासूम से दुष्कर्म की सूचना मिलते ही डीसीपी मैरिज गार्डन पहुंचे। डीसीपी कावेन्द्र सिंह सागर, एडिशनल डीसीपी प्रकाश चंद शर्मा, एसीपी प्रमोद स्वामी आदि अधिकारियों के नेतृत्व में अलग-अलग टीमें बनाई गईं। सभी को फुटेज व रिकॉर्डिंग खंगालने पर लगाया गया। इसके बाद एफएसएल ने गार्डन में काम करने वाले 50 वर्कर समेत समारोह में शामिल 600 लोगों को गार्डन में बंद करवा दिया। सभी को कमरे में बुलाकर गहनता से जांच कराई। सोमवार को करीब 15 घंटे बाद आरोपी की पहचान हो गई। आरोपी के कपड़े पर मासूम के खून के दाग मिले।
तिलक लगाकर नाटक करने लगा आरोपी
पुलिस ने बताया कि आरोपी राजू जयपुर में परिवार के साथ रहता है। उसकी 11 साल की बेटी भी है। वीडियो रिकॉर्डिंग की जांच की गई तो सामने आया कि घटना के वक्त आरोपी लगभग 15 मिनट तक गायब था। इसके बाद खुद को फंसने की भनक लगते ही आरोपी बाहर गया और माथे पर तिलक लगाकर नाटक करने लगा कि वह बालाजी का भक्त है।
दरिंदे की हैवानियत का पता चलते ही माता-पिता अचेत
समारोह के दौरान काफी देर तक बच्ची का पता नहीं चलने पर उसकी तलाश शुरू हुई। चाची की नजर अचानक लहूलुहान बच्ची पर पड़ी। पहले तो सभी ने सोचा कि फिसल कर गिर गई होगी। आनन-फानन में बच्ची को अस्पताल ले जाया गया। यहां चिकित्सक ने जांच किया तो दरिंदे की हैवानियत का मामला सामने आया। चिकित्सक ने दुष्कर्म का मामला बताया तो माता-पिता अचेत हो गए। परिजनों ने दरिंदे को सख्त सजा देने की मांग की है।