रूस की संसद स्टेट ड्यूमा ने वयस्कों के बीच LGBT के प्रचार पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून पारित कर दिया है। रूस की संसद ने गुरुवार को ये कानून पारित किया है। जिसमें सभी उम्र के लोगों के बीच एलजीबीटी प्रचार को बढ़ावा देने पर प्रतिबंध लगाया गया है।

रूस की संसद ने पारित किया कानून
नए कानून के तहत सार्वजनिक जगह पर समलैंगिकता को बढ़ावा देने के लिए जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यह बिल LGBT संबंधों की सार्वजनिक चर्चा या फिर सिनेमाघरों में किसी भी LGBT सामग्री द्वारा प्रचार पर प्रतिबंध लगाएगा। इसमें जुर्माने का भी प्रावधान है।
क्या है समलैंगिक प्रचार कानून?
रूस में साल 2013 में समलैंगिक प्रचार को लेकर कानून 2013 में पारित किया गया था। इसका उपयोग समलैंगिकों के द्वारा गौरव रैली को रोकना, साथ ही समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने के लिए किया गया था। जिसके बाद से ही देश में LGBT का प्रचार करने पर पाबंदियां लगाने की मांग की जा रही थी।
समलैंगिक विवाह पर उठाया था ये कदम
इससे पहले रूसी संसद ने समलैंगिक विवाह पर प्रतिबंध को वैध बनाने की ओर कदम बड़ाया था। रूसी सांसदों ने 14 जुलाई 2020 को मसौदा कानून पेश किया था, जो देश में समान-लिंग विवाह पर प्रतिबंध लगाने की बात कहता है।
क्या बोले थे रूसी राष्ट्रपति पुतिन
रूस में समलैंगिक विवाह को लेकर रूसी राष्ट्रपति पुतिन पहले ही चेतावनी दे चुके हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा ता कि जब तक वह क्रेमलिन में हैं, तब तक वह समलैंगिक विवाह को वैध नहीं बनाएंगे। पुतिन ने खुद को रूसी रूढ़िवादी चर्च के साथ जोड़ा था और कहा था कि वह रूस की पश्चिमी उदारवादी मूल्यों से दूरी बनाना चाहते हैं।
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