पुलिस इस्राइल दूतावास के पास धमाके के मामले में संदिग्धों को पकड़ने के लिए 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरों फुटेज खंगाल रही है। पुलिस संदिग्धों की रूट मैपिंग के लिए जांच कर रही है, जिन्हें विस्फोट से कुछ समय पहले घटनास्थल के करीब सड़क पर चलते देखा गया था। साथ ही, पुलिस ने फोन की पहचान करने के लिए उक्त स्थान के डंप डाटा का विश्लेषण भी शुरू कर दिया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस दौरान इलाके में करीब पांच हजार फोन नंबर सक्रिय थे। पुलिस को धमाके की सूचना मिली थी, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि घटनास्थल पर ऐसा कुछ भी नहीं मिला। इससे पहले पुलिस को धमाके की कॉल के संबंध में मंगलवार शाम को दूतावास के पास राजदूत को संबोधित एक पत्र मिला था। इसमें धमकी भरे शब्दों का इस्तेमाल किया गया था। जिस समूह का नाम पत्र पर लिखा है उसका नाम सर अल्लाह रेजिस्टेंस है।
इसके बाद शाम करीब 6 बजे पुलिस अग्निशमन सेवाओं और बम निरोधक दस्ते के साथ मौके पर पहुंच गई। फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) टीम के विशेषज्ञ भी मौके पर पहुंच गए थे। एफएसएल सूत्रों ने कहा कि विस्फोट की आवाज वहां खड़े एक सुरक्षा गार्ड ने सुनी। शोर टायर फटने जैसा था। उसने एक पेड़ के पास धुआं उठता भी देखा। हालांकि, स्पेशल सेल के सूत्रों का कहना है कि यहां कोई धमाका नहीं हुआ।
…तो पूरी घटना सुनियोजित थी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यहां इजरायली दूतावास के पास हुए विस्फोट की जांच कर रहे अधिकारियों को संदेह है कि यह एक सुनियोजित योजना थी। पृथ्वीराज रोड पर कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया गया था, आशंका जताई जा रही है कि यह जानते हुए ही साजिश रची गई है।
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